700 से अधिक भारतीय छात्रों पर कनाडा से निर्वासित होने का संकट मंडरा रहा है, क्योंकि कनाडा के अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों में इनके ‘प्रवेश प्रस्ताव पत्र’ को नकली पाया है. इनमें से ज़्यादातर पंजाब से हैं. पंजाब के प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री ने केंद्रीय विदेश मंत्री को पत्र लिखकर समस्या सुलझाने की मांग की है.
नई दिल्ली: पंजाब के प्रवासी भारतीय (एनआरआई) मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कनाडा से निर्वासन का सामना कर रहे 700 भारतीय छात्रों के मामले में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हस्तक्षेप की मांग की है.
विदेश मंत्री को लिखे पत्र में धालीवाल ने इस मुद्दे पर उनसे मिलने का समय भी मांगा है.
द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, 700 से अधिक भारतीय छात्र, जिनमें ज्यादातर पंजाब से हैं, कनाडा से निर्वासन का सामना कर रहे हैं, क्योंकि कनाडा के अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के ‘प्रवेश प्रस्ताव पत्र’ को नकली पाया है. यह मामला बीते मार्च महीने में तब सामने आया, जब इन छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था.
धालीवाल ने कहा, ‘मैंने विदेश मंत्री से मिलने के लिए भी समय मांगा है, ताकि पूरे मामले को व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के ध्यान में लाया जा सके.’
विदेश मंत्री को बीते 6 जून को लिखे पत्र में धालीवाल ने कहा, ‘ये (700) छात्र निर्दोष हैं और जालसाजों के गिरोह द्वारा धोखा दिया गया है.’
धालीवाल पत्र में कहा, ‘मैं बहुत आभारी रहूंगा यदि आप फिर से इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखेंगे और इस मामले को कनाडा के उच्चायोग और कनाडा सरकार सहित संबंधित एजेंसियों के साथ उठाएंगे, ताकि इन छात्रों को निर्वासित होने से बचाया जा सके.’
उन्होंने कहा कि इन छात्रों को निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए और उनके वीजा पर विचार करते हुए वर्क परमिट दिया जाना चाहिए.
धालीवाल ने पंजाब के लोगों से भी अपील की कि विदेश जाने या अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने से पहले कॉलेज की डिटेल और ट्रैवल एजेंट का रिकॉर्ड जरूर चेक कर लें.