सरकार द्वारा वापस लिए जा रहे अधिकांश मामले धार्मिक, सामाजिक या पारिवारिक आयोजनों के दौरान कोविड-19 लॉकडाउन के उल्लंघन के साथ-साथ रात के दौरान दुकानें खोलने या सड़कों पर घूमने से संबंधित हैं.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ वर्ष 2020 और 2021 में दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद राज्य सरकार कोविड-19 लॉकडाउन से संबंधित सामान्य धाराओं के तहत दर्ज मामलों को वापस लेगी.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि राज्य में महामारी रोग अधिनियम 1897 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के प्रावधानों के तहत लगभग 56,700 मामले दर्ज किए गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, 20 मार्च, 2020 से 30 जून, 2020 तक की पहली लॉकडाउन अवधि के दौरान उल्लंघन के कुल 33,160 मामले दर्ज किए गए. इन मामलों में 32,463 आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए थे, जबकि 697 महामारी रोग अधिनियम 1897 के प्रावधानों के तहत दर्ज किए गए थे.
इसी तरह 13 मार्च, 2021 से 19 जून, 2021 के बीच लगाए गए दूसरे लॉकडाउन के दौरान राज्य भर में कुल 23,538 मामले लॉकडाउन उल्लंघन के लिए दर्ज किए गए थे. इन मामलों में 22,336 आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए थे, जबकि 1,202 मामले महामारी रोग अधिनियम 1897 के प्रावधानों के तहत दर्ज किए गए थे.
सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा वापस लिए जा रहे अधिकांश मामले धार्मिक, सामाजिक या पारिवारिक आयोजनों के दौरान कोविड-19 लॉकडाउन के उल्लंघन के साथ-साथ रात के दौरान दुकानें खोलने या सड़कों पर घूमने से संबंधित हैं.
स्वास्थ्य विभाग के नवीनतम कोविड-19 स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में मार्च 2020 में बीमारी के प्रकोप के बाद से कुल 10,45,550 मामले और 10,786 मौतें हुई हैं. वर्तमान में राज्य में केवल पांच सक्रिय कोविड-19 के मामले हैं.