केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के खरीफ़ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा के बाद कांग्रेस ने दावा किया कि किसानों को सम्मानजनक रूप से जो मिलना चाहिए, उससे एमएसपी न केवल बहुत कम है, बल्कि सरकार ने इस मामूली कीमत पर भी बहुत सीमित ख़रीददारी की है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की, लेकिन उस दर पर कभी उनकी उपज की खरीद नहीं की.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि सरकार ने एमएसपी (MSP) को ‘उत्पादक की अधिकतम पीड़ा’ (Maximum Suffering of the Producer) में बदल दिया है, जो साबित करता है कि भाजपा में ‘किसान विरोधी डीएनए’ है.
केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा के एक दिन बाद सुरजेवाला ने दावा किया कि किसानों को सम्मानजनक तौर पर जो मिलना चाहिए, उससे एमएसपी न केवल बहुत कम है, बल्कि सरकार ने इस मामूली कीमत पर भी बहुत सीमित खरीददारी की है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के बाद लागत पर 50 प्रतिशत लाभ की गणना के बाद विभिन्न फसलों के एमएसपी को तय करने का वादा किया था, लेकिन वास्तविक समर्थन मूल्य इस स्तर से काफी नीचे है.
मोदी मंत्र- MSP घोषित करो, पर MSP पर फसल खरीदी न करो।
भाजपा सरकार में MSP अब ‘‘Maximum Suffering for Producer (Farmer)’’ बन गया है, क्योंकि MSP के कोई मायने नहीं बचे।
सच यह है कि भाजपा सरकार किसान की फसल MSP पर खरीदती ही नहीं।
साल 2022-23 में ‘फसल उपज’ व ‘फसल खरीद’ के तथ्य… pic.twitter.com/1bUc366pdc
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 8, 2023
सुरजेवाला ने पूछा, ‘जब एमएसपी पर फसलों की खरीद का कोई इरादा नहीं है, तो इसकी घोषणा करने का क्या उद्देश्य है.’
उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा करने का दिखावा करती, लेकिन इससे जुड़े कड़वे सच भी हैं. भारत में एमएसपी पर किसान की फसल बिल्कुल नहीं खरीदी जाती, किसान को लागत पर 50 प्रतिशत लाभ नहीं मिलता. मोदी सरकार की हर नीति और डीएनए किसान विरोधी है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चार साल में मोदी सरकार ने कृषि मंत्रालय के बजट से करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए और दो करोड़ किसानों के नाम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की सूची से हटा दिए गए.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में दिया जाता है.
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी सरकार ने देश के किसानों से दो वादे किये थे, एमएसपी को ‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’ पर निर्धारित करना, 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करना, दोनों वादे सरासर झूठे निकले! खरीफ फसल पर एमएसपी बढ़ाने का ढोंग रचने वाली प्रचार लोभी मोदी सरकार, एमएसपी पर फसल खरीदती ही नहीं है.’
🌾खेती के बजट में कटौती हुई !
🌾किसान सम्मान निधि में से 2 करोड़ किसानों का नाम हटाया !
🌾1 लाख करोड़ के Agriculture Infrastructure Fund की घोषणा कर के उसमें 3 सालों में केवल ₹12,000 करोड़ ही दिए !
मोदी सरकार के 9 साल,
देश के 62 करोड़ किसानों के लिए अभिशाप बन गये है !2/2
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 8, 2023
उन्होंने दावा किया, ‘खेती के बजट में कटौती हुई! किसान सम्मान निधि में से 2 करोड़ किसानों का नाम हटाया! एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की घोषणा करके उसमें 3 सालों में केवल 12,000 रुपये करोड़ ही दिए. मोदी सरकार के नौ साल देश के 62 करोड़ किसानों के लिए अभिशाप बन गए हैं.’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में किसानों को ‘जुमले’ और लाठी के सिवाय कुछ नहीं मिला.
न लागत + 50% मुनाफा
न MSP पर खरीद
न दोगुनी आय
भाजपा सरकार के नौ सालों में किसानों को चुनाव में जुमले, पीठ पर लाठी और पेट पर लात के सिवाय क्या मिला?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2023
उन्होंने ट्वीट किया, ‘न लागत+ 50 प्रतिशत मुनाफा, न एमएसपी पर खरीद, न दोगुनी आय. भाजपा सरकार के नौ सालों में किसानों को चुनाव में जुमले, पीठ पर लाठी और पेट पर लात के सिवाय क्या मिला?’