द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
नए संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित किए गए ‘सेंगोल’ को लेकर किए एक सरकारी दावे पर फिर सवाल उठा है. द हिंदू के अनुसार, तमिलनाडु के मइलादुथुराई जिले के मठ ‘तिरुववदुथुरई अधीनम’ के प्रमुख ने कहा है कि इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि भारत की स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपे जाने से पहले सेंगोल को भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के सामने पेश किया गया था. नई संसद के उद्घाटन से पहले मोदी सरकार ने दावा किया था कि ‘सेंगोल’ नामक स्वर्ण राजदंड 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर माउंटबेटन ने नेहरू को सौंपा था.
मणिपुर हिंसा मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिंसा को लेकर दर्ज हुई छह एफआईआर दोबारा दर्ज किया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ब्यूरो ने जातीय हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक डीआईजी-रैंक अधिकारी के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसमें दस अफसर शामिल है. बीते दिनों राज्य के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. उधर, राज्य में सेना को बदनाम करने के आरोप में कुकी छात्र संगठन के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. एनडीटीवी के मुताबिक, संगठन के खिलाफ इंफाल पश्चिम थाने में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि केएसओ ने अपने बयान में मणिपुर पुलिस कमांडो और भारतीय सेना पर लांछन लगाया था.
प्रदर्शनकारी पहलवानों के भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के ‘घर जाने और समझौता करने’ की ख़बरों का खिलाड़ियों ने खंडन किया है. विनेश फोगाट ने एक ट्वीट में कहा, ‘बृजभूषण की यही ताक़त है. वह अपने बाहुबल, राजनीतिक ताक़त और झूठे नैरेटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान करने में लगा हुआ है, इसलिए उसकी गिरफ़्तारी ज़रूरी है… महिला पहलवान पुलिस जांच के लिए क्राइम साइट पर गई थीं लेकिन मीडिया में चलाया गया कि वे समझौता करने गई हैं.’ हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस कुछ खिलाड़ियों को कुश्ती महासंघ के दफ्तर, जो बृजभूषण के आधिकारिक आवास में बना है, में लेकर गई थी. पुलिस ने भी इन अफवाहों का खंडन किया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने एक नाबालिग रेप सर्वाइवर की गर्भपात की याचिका सुनते हुए कहा कि पहले के समय में लड़कियां कम उम्र में मां बन जाती थीं. बार एंड बेंच के अनुसार, नाबालिग के पिता ने उनके गर्भ को चिकित्सकीय तरीके से खत्म करने की अनुमति मांगी थी, जिसे सुनते हुए जस्टिस समीर दवे की एकल पीठ ने कहा कि महिलाएं इस तरह की प्रथा की आदी रही हैं. पहले 14 से 16 साल लड़कियों की शादी की सामान्य उम्र थी. जब तक वे (लड़कियां) 17 साल की होती थीं, तब तक वे कम से कम एक बच्चे को जन्म दे देती थीं.
श्रीनगर के एक स्कूल में छात्राओं को ‘अबाया’ (मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला चोगे जैसा वस्त्र) पहनने से रोकने को लेकर विवाद सामने आया है. रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल में अबाया पहनकर आई छात्राओं को स्कूल परिसर में जाने से रोक दिया गया था. राजनीतिक दलों और धार्मिक नेताओं ने इस कदम पर नाराजगी जताते हुए इसे ‘धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप’ कहा है, वहीं छात्राओं का कहना है कि वे स्कूल के ‘फरमान’ का पालन करने के बजाय घर पर बैठना पसंद करेंगी. हालांकि, ख़बर है कि स्कूल ने माफ़ी मांगते हुए कहा है कि इसने अबाया पर बैन नहीं लगाया था, बस ड्रेसकोड का पालन करने को कहा था.
कनाडा के ब्रेम्पटन शहर में इंदिरा गांधी की हत्या वाली झांकी दिखाने को लेकर भारत ने रोष जाहिर किया है. रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री की हत्या को दर्शाती झांकी की निंदा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह भारत और कनाडा के रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस की टिप्पणी कि भारत ‘कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप करने वालों में शीर्ष में से एक है’ पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह वही बात है कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटें’, अगर किसी को शिकायत है तो वो हम हैं. वे खलिस्तानियों और हिंसक चरमपंथियों को जगह दे रहे हैं.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा इसके पाठ्यक्रम को ‘युक्तिसंगत’ बनाने की कवायद के बीच शिक्षाविद सुहास पलशिकर और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने राजनीति विज्ञान की टेक्स्टबुक से उनका नाम ‘बतौर मुख्य सलाहकार’ हटाने को कहा है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने कहा कि इन किताबों के साथ अपना नाम जुड़ा देखना शर्मिंदगी का सबब है. उन्होंने एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी को लिखा है कि किताबों के टेक्स्ट को इतना बदल दिया गया है कि वह पहचान में ही नहीं आ रहा है.
‘लैंड जिहाद’ के बाद भाजपा नेता अब ‘फ़र्टिलाइज़र जिहाद’ के विचार के साथ सामने आए हैं. स्क्रॉल वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने इस नई कॉन्सपिरेसी थ्योरी को हवा दी है, जिसमें कहा जाता है कि बंगाली मूल के सब्जी उत्पादक लोगों को बीमार करने के लिए अपनी उपज में अधिकाधिक उर्वरक (फ़र्टिलाइज़र) का इस्तेमाल करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे गुस्साए किसानों कहा है कि वे और उनका परिवार भी इन्हीं सब्जियों का सेवन करते हैं.