कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि पिछली सरकार के समय राज्य में सैकड़ों एकड़ सरकारी ज़मीन आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े संगठनों के नाम पर ट्रांसफर की गई है. अब इन आवंटनों की समीक्षा की जाएगी.
नई दिल्ली: कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह पिछली भाजपा सरकार द्वारा राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके सहयोगियों को आवंटित की गई जमीनों की समीक्षा करने की योजना बना रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को कहा, ‘राज्य में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े संगठनों के नाम पर ट्रांसफर की गई है. इन भू आवंटनों की समीक्षा की जाएगी.’
मंत्री ने कहा कि ऐसा इस संगठन को विकसित करने और उसकी विचारधारा को फैलाने के लिए किया गया. राव ने कहा, ‘हमें अपने काम में पारदर्शी होना चाहिए और लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए. अगर हम बच्चों के दिमाग में जहरीली जानकारी डालते हैं, तो यह खतरनाक होगा और हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.’
राव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जारी कुछ निविदाओं को रद्द कर दिया गया है, जबकि अन्य पर विचार किया जाएगा.
2021 में पिछली भाजपा सरकार ने कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के सदस्यों के विरोध के बीच विधानसभा में चाणक्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 पारित किया था. इसे बिना पर्याप्त चर्चा के पेश किए जाने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी.
बिल का विरोध करने वाले सिद्धारमैया ने तब आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार ने देवनहल्ली के पास प्रस्तावित चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 116.16 एकड़ जमीन को 50 करोड़ रुपये की औने-पौने कीमत पर बेच दिया था, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ. जबकि जमीन की असल कीमत 300-400 करोड़ रुपये थी.
सिद्धारमैया ने यह आरोप भी लगाया था कि सरकार ने चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए सेंटर फॉर एजुकेशन एंड सोशल स्टडीज, जिसके सदस्य आरएसएस से हैं, को कम कीमत पर जमीन आवंटित की थी. उन्होंने यह भी दावा किया था कि एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों के लिए चिह्नित जमीन को अवैध रूप से संगठन को दिया गया था.