गुजरात: होटल मालिक और मैनेजर ने दलित शख़्स को बुरी तरह से पीटा, अस्पताल में मौत

गुजरात के महिसागर ज़िले का मामला. आरोप है कि भुगतान के हिसाब से खाने की मात्रा कम होने की शिकायत करने पर दलित व्यक्ति के साथ कथित उच्च जाति के ​होटल मालिक और मैनजर ने बुरी तरह से मारपीट किया था और जातिसूचक गालियां भी दी थीं. दोनों आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

गुजरात के महिसागर ज़िले का मामला. आरोप है कि भुगतान के हिसाब से खाने की मात्रा कम होने की शिकायत करने पर दलित व्यक्ति के साथ कथित उच्च जाति के ​होटल मालिक और मैनजर ने बुरी तरह से मारपीट किया था और जातिसूचक गालियां भी दी थीं. दोनों आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@AhmedabadPolice)

नई दिल्ली: गुजरात के महिसागर जिले में ‘उच्च जाति’ समुदाय के होटल मालिक और उसके प्रबंधक द्वारा कथित तौर पर पिटाई के बाद एक दलित व्यक्ति की मौत हो गई. पुलिस ने बीते शनिवार (10 जून) को यह जानकारी दी.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बहस के दौरान होटल मालिक और उसके मैनेजर ने दलित युवक को जातिसूचक गालियां भी दीं.

जिले के बकोर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय पीड़ित राजू वनकर की शुक्रवार (9 जून) रात वडोदरा शहर के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

एफआईआर के अनुसार, ऑटोरिक्शा चालक वनकर 7 जून को होटल में खाना खाने गए थे.

इसके अनुसार, खाना खाने के बाद उन्होंने होटल के कर्मचारियों से घर ले जाने के लिए खाना पैक करने को कहा. हालांकि, जब उन्होंने होटल मालिक से उनके लिए पैक किए गए भोजन की मात्रा के बारे में शिकायत की, यह कहते हुए कि यह उसके द्वारा भुगतान किए गए पैसों से कम है, तो दोनों आरोपी उनके साथ बहस करने लगे और उन्हें जातिसूचक गालियां दीं.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद उन्होंने उनके साथ मारपीट की, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए.

उनके अनुसार, रात में पीड़ित ने अपने पेट में तेज दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें महिसागर के एक अस्पताल में ले जाया गया.

बाद में उन्हें पंचमहल जिले के गोधरा के एक अस्पताल में रिफर कर दिया गया और वहां से उन्हें वडोदरा के एसएसजी अस्पताल ले जाया गया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वहां उनका ऑपरेशन किया गया, लेकिन बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया.

कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि पीड़ित का परिवार और उसके समुदाय के सदस्य अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

दोनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (किसी को भड़काने के लिए जानबूझकर अपमान करना), 506 (2) (आपराधिक धमकी) और 114 (अपराध होने पर मौजूद रहने के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों को भी एफआईआर में शामिल किया गया है.

दलित व्यक्ति की मौत के बाद पुलिस ने एफआईआर में हत्या से संबंधित आईपीसी की धारा 302 जोड़ी है.

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