एआईएडीएमके महासचिव ई. पलानीस्वामी ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई की टिप्पणियों को ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बताते हुए कहा कि बिना किसी राजनीतिक अनुभव या परिपक्वता के भाजपा नेता ने जानबूझकर इस तरह की टिप्पणी की.
नई दिल्ली: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता के बारे में भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख अन्नामलाई द्वारा कथित बयान को लेकर एआईएडीएमके ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है. पार्टी महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी ने जयललिता पर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष की टिप्पणियों को गैर-जिम्मेदाराना बताया.
पलानीस्वामी 13 जून को चेन्नई में अपनी पार्टी के जिला सचिवों की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘अम्मा (जयललिता) ने 16 वर्षों तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की और जनता के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाईं और अन्य राज्यों को उन्हें लागू करने के लिए प्रेरित किया. बिना किसी राजनीतिक अनुभव या परिपक्वता के भाजपा नेता अन्नामलाई ने जानबूझकर इस तरह की टिप्पणी की अन्नाद्रमुक इसकी कड़ी निंदा करती है.’
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पलानीस्वामी ने अन्नामलाई की टिप्पणी को ‘गैर जिम्मेदाराना’ करार दिया.
एआईएडीएमके के प्रस्ताव में एक साक्षात्कार में तमिलनाडु में भ्रष्टाचार पर अन्नामलाई की टिप्पणियों का जिक्र किया गया है.
सोमवार (12 जून) को टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अन्नामलाई से पूछा गया कि क्या वे इस बात से सहमत हैं कि 1991-96 की अवधि में, जब जयललिता राज्य की मुख्यमंत्री थीं- तमिलनाडु में भ्रष्टाचार के मामलों में सबसे खराब रहा था.
जवाब में उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु में कई प्रशासन (सरकारें) भ्रष्ट थे. पूर्व मुख्यमंत्रियों को कानून की अदालतों में दोषी ठहराया गया है. यही कारण है कि तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक बन गया है. मैं कहूंगा कि यह भ्रष्टाचार में नंबर वन है.’
तमिलनाडु विपक्ष के नेता और एआईडीएमके के महासचिव के. पलानीस्वामी कहा, ‘अन्नामलाई के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है, जहां उन्होंने हमारी नेता जयललिता पर लांछन लगाते हुए एक अंग्रेजी दैनिक को एक बयान दिया था. हमारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दुखी हैं.’
यह प्रस्ताव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में एआईएडीएमके और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव की ओर इशारा करता है. सोमवार (12 जून) को दोनों दलों ने सार्वजनिक रूप से 2024 के आम चुनाव के लक्ष्यों पर असहमति जताई.
डीटीनेक्स्ट ने एआईएडीएमके के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा कि भाजपा के ‘अति-राष्ट्रवाद’ और ‘एकाधिकार वाले एजेंडा’ के चलते यह अन्नाद्रमुक के लिए गले की फांस जैसी बन गई है. अन्नामलाई भी दोनों दलों के गठबंधन में एक अवरोध साबित हुए हैं क्योंकि वे एक बयान में दावा कर चुके हैं कि उचित समय आने पर वे एआईएडीएमके नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों वाली फाइलें जारी करेंगे.
ज्ञात हो कि इससे पहले सहयोगी एआईएडीएमके ने 12 जून को कहा था कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राज्य पार्टी प्रमुख के. अन्नामलाई को नियंत्रण में नहीं रखता तो पार्टी (एआईएडीएमके) उसके साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार कर सकती है.