ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी के भारत सरकार द्वारा दबाव डालने की बात को केंद्र ने झूठा बताया है. इस पर पूर्व आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास हर वजह है.
नई दिल्ली: ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी के भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय ट्विटर पर दबाव बनाने के दावों को केंद्र सरकार ने झूठा बताया है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास ‘हर कारण’ था.
सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, ‘जैक डोर्सी पूर्व ट्विटर सीईओ ने कहा, किसानों के विरोध के दौरान भाजपा सरकार ने दी धमकी- ट्विटर-इंडिया के कार्यालयों को बंद करने की और ट्विटर-इंडिया के कर्मचारियों के घरों पर छापे की… मंत्री इनकार करते हैं. कुछ के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं होता है, दूसरों के पास झूठ बोलने की हर वजह है!’
Jack Dorsey
Ex-Twitter CEO said :BJP government during farmers protests threatened :
To shut down Twitter-India offices
Raid homes of Twitter-India employeesMinister denies
Some have no reason to lie
Others every reason to lie !— Kapil Sibal (@KapilSibal) June 13, 2023
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कपिल सिब्बल ने कहा, ‘सबसे पहले मैं जानना चाहूंगा कि जैक डोर्सी ऐसा बयान क्यों देंगे? राजीव चंद्रशेखर कहते हैं कि यह झूठ है. वह झूठ क्यों बोलेंगे? जैक डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है कि जब विरोध प्रदर्शन चल रहे थे तो उन्होंने ट्विटर को धमकी दी थी कि वे अपने कार्यालयों को बंद कर देंगे और ट्विटर के तत्कालीन कर्मचारियों पर छापा मारेंगे… इसके लिए हर कारण है दूसरे लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते.’
#WATCH | On former CEO of Twitter Jack Dorsey's claim on ‘pressure’ from India, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "First of all, I would like to know, why would Jack Dorsey make such a statement? Rajeev Chandrasekhar says that this is a lie. Why would he tell a lie? There is no… pic.twitter.com/U06RvboybA
— ANI (@ANI) June 13, 2023
भाजपा शासन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मुखर आलोचक सिब्बल एक स्वतंत्र राज्यसभा सांसद हैं, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में जनवरी 2011 से मई 2014 तक आईटी मंत्री थे.
सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने नवंबर 2021 में अपनी भूमिका से विदा होने तक इसकी नामचीन मूल कंपनी के सीईओ थे – एलन मस्क ने पिछले साल अक्टूबर में ट्विटर को खरीदा था, लेकिन पूर्व सीईओ ने अपने 2.4 प्रतिशत स्वामित्व को बरकरार रखा है.
जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस मंच को किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे. उन्होंने यह भी कहा है कि ट्विटर को ‘बंद’ करने और देश में उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकी दी गई थी.
सोमवार देर रात यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जब ट्विटर के सीईओ के रूप में विदेशी सरकारों से मिले दबावों के बारे में पूछा गया तो डोर्सी ने कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है, जिसने किसान आंदोलन के दौरान, विशेष रूप से सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के एकाउंट पर रोक लगाने के बारे में हमसे कई अनुरोध किए थे और यह व्यक्त किया गया था, जैसे- ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, जो कि हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है; यह भी कहा गया था, ‘हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे’, जो उन्होंने किया भी; यह भी बोला गया था, ‘अगर आप नियम का पालन नहीं करते हैं, तो हम आपके कार्यालय बंद कर देंगे’ और आप देंखेंगे कि यही भारत एक लोकतांत्रिक देश है.’
केंद्र ने जैक डोर्सी के सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकारी दबाव और बंद किए जाने की धमकियों का सामना करने के आरोपों को झूठा बताकर खारिज कर दिया.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा, ‘डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था. उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने अंतत: अनुपालन शुरू किया.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते.