उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िला अस्पताल में चार दिन में हुईं 57 मौतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. सरकार ने इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि अब तक ज़िले में लू से सिर्फ़ दो लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अस्पताल में भर्ती 57 लोगों की पिछले चार दिनों में क्षेत्र में बनी लू जैसी स्थिति के बीच मौत हो गई है. हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि मौतें लू से संबंधित नहीं हैं.
इतना ही नहीं सरकार ने इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. जयंत कुमार के हवाले से बताया था कि 54 मौतों में से (जब कुमार ने बात की थी तब मौतों को संख्या 54 थी), ‘40 प्रतिशत रोगियों को बुखार था, जबकि 60 प्रतिशत अन्य बीमारियों से पीड़ित थे.’
सीएमओ डॉ. कुमार ने पीटीआई से कहा, ‘अब तक जिले में लू से सिर्फ दो लोगों की मौत हुई है.’
अमर उजाला सहित स्थानीय समाचार पत्रों ने मौत की संख्या और अधिक बताई है. अमर उजाला ने बीते 17 जून को खबर दी थी कि जिले में पिछले तीन दिनों में 74 लोगों की मौत हुई है.
मामले की जांच के लिए गठित समिति में शामिल निदेशक (संचारी रोग) डॉ. एके सिंह और निदेशक (चिकित्सा देखभाल) डॉ. केएन. तिवारी, जिन्होंने बीते 18 जून को अस्पताल का निरीक्षण किया था, ने भी मौतों की वजह गर्मी होने से इनकार किया था.
सिंह ने बताया, ‘ज्यादातर मामलों में भर्ती के दो से छह घंटे के बीच मौतें हुई हैं. हमारे चिकित्सा कर्मचारियों को रोगियों को स्थिर करने या आवश्यक चिकित्सा परीक्षण करवाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका.’
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हटाए गए
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. दिवाकर सिंह को उनकी टिप्पणी के लिए उनके पद से हटाकर आजमगढ़ में तैनात किया गया है. बीते 16 जून को उन्होंने कहा था कि ‘गर्मी के कारण अस्पताल में 20 से अधिक मरीजों की मौत हो गई.’
नए सीएमएस डॉ. एसके यादव ने बताया कि अस्पताल में रोजाना 125 से 135 मरीज भर्ती हो रहे हैं. उन्होंने पीटीआई को बताया कि मरने वाले सभी मरीजों की उम्र 60 साल से अधिक थी.
पिछले तीन दिनों में बलिया और इसके आसपास के जिलों में अधिकतम तापमान 43 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है, जबकि न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. यादव द्वारा साझा किए गए अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, 154 लोगों को 15 जून (गुरुवार) को बलिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 23 की मौत हो गई थी. 16 जून (शुक्रवार) को 137 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 20 की मौत हो गई. 17 जून (शनिवार) को अस्पताल में 11 लोगों की मौत की सूचना मिली थी.
डॉ. यादव ने अस्पताल में मौतों में अचानक आई बढ़ोतरी के लिए अलग-अलग कारणों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘यहां हर तरह के मरीज हैं. मरने वालों में बुखार, ब्लड प्रेशर और सांस लेने की समस्या वाले लोग थे और 65 साल से ऊपर के मरीज थे. यहां हर तरह के मरीज हैं. तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है और लोग लू से बेहाल हैं और ऐसे मरीज भी हैं. हम सभी अलर्ट मोड में हैं.’
स्वास्थ्य विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा, ‘चिकित्सा अधीक्षक को हटाया गया है, क्योंकि उन्होंने लू के बारे में जानकारी के बिना लापरवाह टिप्पणी की थी.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जिला मजिस्ट्रेट (बलिया) रवींद्र कुमार ने कहा, ‘पिछले दिनों जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने एक असत्यापित बयान दिया था और सरकार द्वारा उनको पद से हटा दिया. लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जिले के सभी अस्पतालों में ओआरएस जैसी सभी तरह की दवाएं व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निशाना साधा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने मामले से निपटने को लेकर आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की है.
उन्होंने कहा, बलिया जिला अस्पताल में 24 घंटे में लू और हीटस्ट्रोक से 36 लोगों की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है. बलिया में आठ दिन में 121 मरीजों की मौत हुई है. गरीबों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा सरकार न तो जनता को बिजली दे पा रही है और न ही इलाज करा पा रही है.’
ओडिशा ने लू से एक मौत की पुष्टि की
इस बीच, ओडिशा सरकार ने बालासोर जिले में इस मौसम की लू से संबंधित पहली मौत की पुष्टि की है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा है कि सरकार को कथित लू से 20 लोगों की मौतों की सूचना मिली है, जिसकी जांच की जा रही है.
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त कार्यालय ने कहा कि मृतक के परिवार को 50,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा.
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