उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बलिया ज़िला अस्पताल में लोगों की मौत होने का सिलसिला जारी है. अधिकारियों का दावा है कि अब तक इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए कोई ‘ठोस सबूत’ नहीं मिले हैं. सरकार ने मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लू के बीच रविवार को 24 घंटे के भीतर बलिया जिला अस्पताल में कम से कम 14 और लोगों की मौत हो गई और 178 नए लोग भर्ती किए गए.
15 जून से 18 जून के बीच चार दिनों में इस अस्पताल में मरने वालों की संख्या 68 हो गई और लखनऊ के अधिकारी मौतों में वृद्धि की जांच कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने रविवार को कहा था कि अधिकारियों को अभी तक मौतों को लू से जोड़ने के लिए कोई ‘ठोस सबूत’ नहीं मिले हैं.
बीते 18 जून को राज्य सरकार ने ‘उचित जानकारी के बिना लू से होने वाली मौतों पर लापरवाह बयान देने’ के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया था.
बीते 15 जून को अस्पताल में कम से कम 154 लोगों को भर्ती कराया गया था और 23 लोगों की मौत हुई थी. 16 जून को 137 लोगों को भर्ती कराया गया और 20 की मौत हुई थी. 17 जून को 11 लोगों की मौत हुई, जबकि 18 जून को 178 मरीजों को भर्ती कराया गया और अस्पताल के अधिकारियों ने 14 मौतों की सूचना दी है.
बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. जयंत कुमार ने सोमवार को कहा कि जिला अस्पताल में मरीजों की हरसंभव देखभाल की जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘गर्मी का स्तर अधिक है, जिसके कारण रोगी बढ़ गए हैं. जिला अस्पताल में रविवार को कुल 178 मरीज भर्ती हुए. हम उनकी देखभाल कर रहे हैं. दवा, स्टाफ और कूलर जैसी सभी तरह की व्यवस्था की गई है. 24 घंटे में 14 ऐसे लोगों की मौत हुई है, जो अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित थे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या रविवार शाम को अस्पताल में मरीजों को बिस्तर नहीं मिल पा रहा था और क्या शवों को रखने के लिए जगह की कमी थी, डॉ कुमार ने कहा, ‘ऐसी स्थिति नहीं है. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और कोई परेशानी नहीं है. बुजुर्ग मरीजों की वजह से स्थिति और खराब हो गई है.’
मौतों में वृद्धि के कारणों के बारे में पूछे जाने पर सीएमओ ने कहा, ‘एक जांच समिति घटनाओं की जांच कर रही है. उन्होंने कल (रविवार) जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और मरीजों से मुलाकात की. पीने के पानी, खून और पेशाब के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. हमारी टीमें उन इलाकों में गई हैं, जहां से सबसे ज्यादा मरीज आए हैं. वे एक रिपोर्ट सौंपेंगे और फिर स्थिति स्पष्ट होगी.’
इस बीच, निदेशक (संचारी रोग) डॉ. एके सिंह, जो मौतों की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित टीम का हिस्सा हैं, ने रविवार को कहा कि टीम मरने वाले मरीजों में बताए गए लक्षणों के बारे में पूछताछ कर रही है.
यह पूछे जाने पर कि क्या मौसम (गर्मी) मौत के मुख्य कारकों में से एक हो सकता है, उन्होंने कहा कि वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकते, क्योंकि अन्य स्थानों से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जहां तापमान और भी बढ़ा हुआ है.
इसी बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में लू की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने अधिकारियों को आम जनजीवन, पशुधन और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक स्तर पर पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.