यूएनसीएचआर का यह बयान दिल्ली हाईकोर्ट में वसंत विहार के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसके कार्यालय के पास शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की भीड़ के कारण उन्हें असुविधा हो रही है.
नई दिल्ली: शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने सोमवार (19 जून) को भारत में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों को दिल्ली के वसंत विहार में अपने कार्यालय के पास एकत्र नहीं होने के लिए कहा है. साथ ही चेतावनी दी कि अधिकारी उन्हें विरोध प्रदर्शनों के लिए निर्धारित क्षेत्रों जैसे कि जंतर मंतर और रामलीला मैदान में स्थानांतरित कर सकते हैं.
यूएनसीएचआर का बयान दिल्ली हाईकोर्ट में वसंत विहार के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें दावा किया गया है कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के कार्यालय में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की भीड़ के कारण उन्हें असुविधा हो रही है.
विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में कहा था कि हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में इस मुद्दे को हल करने के लिए 28 मार्च को एक बैठक बुलाई गई थी. बैठक में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली जल बोर्ड ने भाग लिया था.
हलफनामे में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने प्रस्तावित किया है कि इन लोगों को ऐसे उद्देश्य के लिए निर्धारित क्षेत्र में विरोध करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है, जैसे कि जंतर मंतर को विरोध और प्रदर्शन करने के लिए माननीय न्यायालयों द्वारा नामित किया गया है.
हलफनामे में कहा गया है, ‘प्रदर्शनकारियों की वजह से गड़बड़ी कानून-व्यवस्था की समस्या प्रतीत होती है और यह यूएनएचसीआर से संबंधित विशेषाधिकार या इम्यूनिटी का मामला नहीं. ऐसा प्रतीत होता है कि यूएनएचसीआर संयुक्त राष्ट्र अधिनियम के अनुसार काम कर रहा है और किसी भी नियम/कानून का उल्लंघन नहीं कर रहा है. यदि यह समस्या यूएनएचसीआर के कारण हुई थी, तो इसकी जांच करने की आवश्यकता होगी.’
गृह मंत्रालय ने आगे कहा है, यूएनएचसीआर के अनुसार, इसने कई उपाय किए हैं, जिसके कारण इसके वसंत विहार कार्यालय के सामने अतिक्रमणकारियों की संख्या अगस्त 2021 में एक हजार से कम होकर 2-4 व्यक्ति हो गई है.’
बीते सोमवार को यूएनएचसीआर ने कहा कि शरणार्थियों और शरण चाहने वालों को याद दिलाया जाता है कि जो भी एजेंसी से संपर्क करना चाहते हैं, उनके लिए कई संचार चैनल उपलब्ध हैं, जिसमें टोल-फ्री नंबर, ईमेल और सामुदायिक प्रतिनिधि संरचनाओं के माध्यम से संचार शामिल है.
बयान में कहा कि यूएनएचसीआर के कर्मचारी विकासपुरी पंजीकरण केंद्र में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के आवेदन प्राप्त करते हैं और इसके वसंत विहार कार्यालय में ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाता है. फिर से सलाह दी जाती है कि आप वसंत विहार में यूएनएचसीआर परिसर में न जाएं, बल्कि उसके लिए उपलब्ध संचार के साधनों का उपयोग करें.
एजेंसी ने कहा कि अधिकारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि शरण चाहने वालों और यूएनएचसीआर कार्यालय के बाहर बैठे शरणार्थियों को विरोध प्रदर्शनों के लिए निर्धारित क्षेत्रों में भेज दिया जाएगा. इसने लोगों से वसंत विहार में कार्यालय के बाहर एकत्र नहीं होने का अनुरोध किया, क्योंकि यह उन्हें ‘मुश्किल स्थिति’ में डाल सकता है.
वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन ने पहली बार सितंबर 2021 में हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें दावा किया गया कि वसंत विहार में बी-ब्लॉक में यूएनएचसीआर के कार्यालय के बाहर अफगान नागरिकों और शरणार्थियों के जमावड़े से स्थानीय निवासियों को असुविधा हो रही है. अफगान 15 अगस्त, 2021 को तालिबान द्वारा अपने देश के अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे और शरणार्थी का दर्जा देने की मांग कर रहे थे.
याचिका दायर करने के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि सड़क को साफ कर दिया गया है. एसोसिएशन ने अपनी याचिका वापस ले ली थी, लेकिन इसने एक और याचिका दायर की, जिसमें इस साल जनवरी में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया गया.
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक स्थिति रिपोर्ट मांगी और कहा कि, ‘स्थिति, जैसा कि 7 सितंबर, 2021 के आदेश में दर्ज किया गया है, जिसमें विशेष रूप से यह उल्लेख किया गया है कि यूएनएचसीआर भवन के बाहर की सड़क को साफ कर दिया गया है, बनाए रखा गया है.’
एसोसिएशन ने तब कहा था कि याचिका दायर करने के बाद वसंत विहार में यूएनएचसीआर भवन के बाहर की सड़क को साफ कर दिया गया है और इसलिए, एसोसिएशन की प्राथमिक शिकायत दूर हो गई, बाद में 7 सितंबर, 2021 को याचिका वापस ले ली गई. हाईकोर्ट ने जरूरत पड़ने पर फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए एसोसिएशन को छूट दी और एसोसिएशन ने वर्तमान याचिका दायर की.
अप्रैल में पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस से विदेशी नागरिकों को एक निर्धारित स्थान पर निर्देशित करने के प्रस्ताव पर ‘निर्देश लेने’ के लिए कहा था.
वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन के वकील ने कहा कि अगर गृह मंत्रालय के शरणार्थियों को एक निर्धारित क्षेत्र में निर्देशित करने के प्रस्ताव की अनुमति दी जाती है, तो उनके मुवक्किल संतुष्ट होंगे. यह मामला 18 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
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