घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है, जो क़रीब महीने भर पहले घटी है. पीड़ित युवक का आरोप है कि आरोपी उन्हें इस घटना का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसों की मांग कर रहे थे. पुलिस में शिकायत करने पर भी कार्रवाई न होने पर युवक ने ख़ुद ही वीडियो वायरल कर दिया. इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासन ने 19 जून को उन तीन लोगों की संपत्तियों के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया, जिन पर एक अन्य व्यक्ति को पट्टे से बांधने, उसे कुत्ते की तरह भौंकने और यह कहने के लिए मजबूर करने का आरोप है कि वह इस्लाम धर्म अपनाने के लिए तैयार है. तीनों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
#WATCH | Local administration in the presence of police demolishes the residence of Sameer Khan who is accused of brutally thrashing and harassing a youth in Bhopal #MadhyaPradesh pic.twitter.com/bj4urY0WVm
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 19, 2023
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 24 वर्षीय पीड़ित का नाम विजय रामचंदानी है, जिन्होंने खुद को प्रताड़ित करने का वीडियो खुद ही शेयर किया था. आरोपी उनसे जबरन पैसे की मांग कर रहे थे.
द हिंदू के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका/एनएसए) के साथ-साथ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लगाया है. मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया है.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रियाज इकबाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एफआईआर में ‘जबरन धर्मांतरण और अपहरण’ के आरोप हैं. एफआईआर में छह लोगों के नाम हैं- साजिद, बिलाल टीला, फैजान लाला, साहिल बच्चा, मोहम्मद समीर टीला और मुफीद खान.
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भोपाल जिला न्यायालय ने दो आरोपियों को 4 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और एक नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेजा गया है.
#WATCH | Youth brutally thrashed and harassed in Bhopal, MP | “There were a total of six accused in this matter. Of them, the three main accused were arrested by Police yesterday, action under NSA (National Security Act) was taken. They had a criminal background. The remaining… pic.twitter.com/DuOWtiWi8U
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 20, 2023
वीडियो 19 जून को वायरल हुआ था. हालांकि, पुलिस ने बताया कि अपराध एक महीने पहले हुआ था. रामचंदानी ने पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर निराश होकर वीडियो शेयर किया.
उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनका आरोपियों से अक्सर झगड़ा होता था और एक बार उन्होंने उनमें से एक के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपशब्द पोस्ट कर दिए थे.
रामचंदानी का मानना है कि उन पर कथित हमला इसी पोस्ट का बदला लेने के लिए किया गया था.
उन्होंने दैनिक भास्कर को बताया कि वह करीब 40 दिनों तक प्रताड़ित होते रहे. शिकायत करने थाने गए तो पुलिस ने सबूत मांगे. आरोपी उनसे वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपये मांगते थे और वे उन्हें रुपये देते भी रहे. फिर तंग आकर उन्होंने खुद ही वीडियो वायरल कर दिया. उन्होंने आरोपियों द्वारा उनके पैसे और मोबाइल लूटे जाने की भी बात कही है.
एक आरोपी मोहम्मद समीर पर पुलिस में 35 मामले दर्ज होने की बात सामने आई है. उन पर पूर्व में भी रासुका की कार्रवाई हो चुकी है.
इससे पहले, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस से 19 जून को त्वरित कार्रवाई करने को कहा था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मिश्रा ने कहा था, ‘मैंने भोपाल पुलिस आयुक्त को 24 घंटे के भीतर जांच करने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 4-5 घंटे के भीतर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अवैध अतिक्रमणों पर बुलडोजर चलाया जाएगा.’
एएनआई के मुताबिक गृहमंत्री ने कहा, ‘इस तरह की मानसिकता को कुचल देंगे.’
#WATCH | Madhya Pradesh Home Minister Narottam Mishra speaks on incident of youth brutally thrashed and harassed in the state; says “Four people have been arrested so far. Such a mindset! 35 such cases have come to light. We will crush this mindset…Not one Congress person has… pic.twitter.com/wQVVptJ1s7
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 20, 2023
इंडियन एक्सप्रेस ने यह भी बताया है कि तीन आरोपियों से संबंधित संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया है. आरोपियों के परिजनों का दावा है कि उन्हें कार्रवाई से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया.
एनडीटीवी और समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि रामचंदानी के लगभग 49 सेकंड के वीडियो में उन्हें ‘कुत्ते की तरह भौंकने’ के लिए कहा जा रहा है और यह कहते हुए दिखाया गया है कि वह मुसलमान बनने के लिए तैयार हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उनका अपहरण किया और पीटा, उनसे गोमांस खाने के लिए कहा गया और परिवार के सदस्यों को भी धमकी दी.
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून सरकार को किसी भी व्यक्ति को 12 महीने तक के लिए एहतियातन हिरासत में रखने की अनुमति देता है, अगर सरकार को लगता है कि आरोपी राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून व्यवस्था के लिए खतरा है.
अदालतों द्वारा दोषी ठहराए जाने से पहले ही मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अभियुक्तों की संपत्ति और घरों को बुलडोजर से ढहाने की श्रृंखला जारी है, जबकि इसकी व्यापक तौर पर आलोचना की जाती रही है.