तेज़ गर्मी के बीच यूपी में कई ज़िलों में मौतों की संख्या बढ़ी, बिहार में डॉक्टर बोले- स्थिति दयनीय

तेज़ गर्मी से बिहार के भोजपुर ज़िले में एक दिन में 25 मौतें होने की ख़बर है, वहीं यूपी के बलिया में ज़िला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत होने की सूचना है. देवरिया, आज़मगढ़ और वाराणसी के अस्पतालों में भी गर्मी के चलते मौतों के मामले सामने आए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Oxfam)

तेज़ गर्मी से बिहार के भोजपुर ज़िले में एक दिन में 25 मौतें होने की ख़बर है, वहीं यूपी के बलिया में ज़िला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत होने की सूचना है. देवरिया, आज़मगढ़ और वाराणसी के अस्पतालों में भी गर्मी के चलते मौतों के मामले सामने आए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Oxfam)

नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में तेज गर्मी के बीच नागरिकों के बीमार होने की ख़बरें आ रही हैं. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के भोजपुर में एक दिन में 25 मौतें हुई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, भोजपुर जिले के आरा सदर अस्पताल में बीते पांच दिनों में हीट वेव (तेज गर्मी) के चलते पचास लोगों की मौत हुई है और यहां पहुंच रहे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सामने आए अस्पताल के कई वीडियो बीमार मरीजों का हाल-बेहाल नजर आ रहा है. एक वीडियो में भीड़ भरे अस्पताल में स्ट्रेचर पर एक मरीज अचेत नजर आ रहे हैं और उनके परिजन तलवे रगड़ रहे हैं.  एक अन्य वीडियो में चार अस्पतालकर्मी एक मरीज को बिना स्ट्रेचर के लटकाकर लाते दिख रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, एक वीडियो में अस्पताल के एक डॉ. आशुतोष को प्रशासन से मदद की मांग करते सुना जा सकता है. वो कहते हैं, ‘हमारे पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है. कृपया और ऑक्सीजन सिलेंडर अरेंज करने में मदद कीजिए…. कोई फोन का जवाब नहीं दे रहा है. बहुत दयनीय स्थिति है.’

कॉल के बाद उन्होंने चैनल के संवाददाता से कहा कि इंतजाम किए जा रहे हैं. एक अन्य डॉ. ऋषि ने बताया, ‘लू लगने के चलते बीमार हुए 35 मरीज लाए गए थे और करीब 25 की आज मौत हो गई. जिन मरीजों की जान गई है, वे बुजुर्ग थे, उन्हें तेज बुखार और लू लगने के लक्षण थे.

प्रभात खबर के अनुसार, आरा में गर्मी से प्रतिदिन 15 से 20 मौतें हो रही हैं. अख़बार के अनुसार, लगातार मौतों के चलते दाह संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी की भी खबर आई है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, झारखंड, विदर्भ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में  गंभीर हीटवेव की स्थिति की संभावना जाहिर की है.

बलिया जिला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत

उधर, यूपी के बलिया में जिला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत होने की सूचना मिली है. हिंदुस्तान के अनुसार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बुधवार को मीडिया से कहा कि पिछले 24 घंटों में अस्पताल में 100 मरीज भर्ती हुए. 19 जून को पांच व 20 जून को तीन लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि वहां प्रतिदिन पांच से सात मौतें सामान्य बात हैं और अस्पताल में हर तरह के संसाधन मौजूद हैं.

उधर, जिले में मरीजों की मौत की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजी टीम का नेतृत्व कर रहे निदेशक (संचारी रोग) डॉक्टर एके सिंह ने बुधवार को दावा किया कि जिले में लू की वजह से एक भी मौत नहीं हुई है. उनका कहना था कि हालिया मौतें लू के कारण नहीं, बल्कि पुरानी बीमारी और वृद्धावस्था के चलते हुई हैं.

देवरिया, आजमगढ़ में भी हाल-बेहाल 

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बलिया के पड़ोसी ज़िले देवरिया में भी स्थिति बेहतर नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, यहां बीते 24 घंटों में हीटवेव के चलते 54 मौतें हुई हैं.

हालांकि, देवरिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश बरनवाल ने गर्मी से होने वाली मौतों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘हमारे मेडिकल कॉलेज में आए कुछ लोगों की पिछले कुछ दिनों में मृत्यु हो गई थी, लेकिन कोई भी हीट स्ट्रोक के चलते नहीं हुई, जैसा कि मीडिया के एक तबके द्वारा बताया जा रहा है.’

बरनवाल ने आगे बताया, ‘1 से 18 जून के बीच मेडिकल कॉलेज में 126 मौतों की सूचना है. इनमें से 38 सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटनाओं /स्ट्रोक के कारण हुईं, इसके बाद 36 मल्टीपल ऑर्गन फेलयर के चलते. 24 मौतें श्वसन संबंधी बीमारियों से हुईं और 13 की वजह कोरोनरी धमनी रोग थे. अन्य मौतों की वजह ट्रामा (6), विषाक्तता (3), पुराने गुर्दा रोग (1) और शराब से विषाक्तता (1) जिम्मेदार थे.

उन्होंने कहा कि 18 जून को 18 मौतें हुईं. इसी प्रकार 17 जून को 30, 16 जून को 9 और 15 जून 12 मौतें हुईं.

हिंदुस्तान के अनुसार, जून में देवरिया में करीब डेढ़ सौ मौतें हुई हैं.

खबर है कि वाराणसी के सरकारी अस्‍पतालों में 12 घंटे में 9 लोगों की मौत हुई. आजमगढ़ में मंगलवार शाम से बुधवार दोपहर तक दस लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर बुखार से पीड़ित मरीज थे.