उत्तर प्रदेश: हत्या मामले में सुल्तानपुर ज़िला जेल में बंद दो क़ैदियों के शव पेड़ से लटके मिले

उत्तर प्रदेश के अमेठी में रहने वाले 19 और 21 साल की उम्र के दो युवकों को हत्या के एक मामले में गिरफ़्तार किए जाने के बाद बीते 30 मई को सुल्तानपुर ज़िला जेल भेज दिया गया था. जेल अधिकारियों ने बताया कि डीआईजी अयोध्या रेंज (जेल) को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

उत्तर प्रदेश के अमेठी में रहने वाले 19 और 21 साल की उम्र के दो युवकों को हत्या के एक मामले में गिरफ़्तार किए जाने के बाद बीते 30 मई को सुल्तानपुर ज़िला जेल भेज दिया गया था. जेल अधिकारियों ने बताया कि डीआईजी अयोध्या रेंज (जेल) को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश अमेठी में हत्या के एक मामले में 19 और 21 साल की उम्र के दो युवकों को गिरफ्तार किए जाने के लगभग तीन हफ्ते बाद बुधवार (21 जून) दोपहर उनके शव सुल्तानपुर जिला जेल में एक पेड़ से लटके हुए मिले.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने कहा कि एक जेल वार्डर ने उन्हें उनके बैरक के पीछे एक पेड़ से लटकते हुए देखा.

जेल अधीक्षक ने कहा, ‘उनके गले में एक स्कार्फ पाया गया. वार्डर ने तुरंत अन्य कर्मचारियों को सूचित किया और शवों को नीचे उतारा गया.’

जांच के आदेश दे दिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि डीआईजी अयोध्या रेंज (जेल) हेमंत कुटियाल को जांच करने के लिए कहा गया है.

अमेठी निवासी करिया उर्फ विजय पासी (19 साल) और मंजू उर्फ मनोज रैदास (21 साल) को उनके पड़ोसी 48 वर्षीय ओम प्रकाश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिनकी बीते 26 मई को उनके घर के बाहर सोते समय हत्या कर दी गई थी.

एसएचओ (जामन) विवेक कुमार सिंह ने कहा, ‘पूछताछ के दौरान उन्होंने गलती से ओम प्रकाश की हत्या करने की बात कबूल कर ली थी. हत्या से कुछ दिन पहले विजय और मनोज को ओम प्रकाश के भाई जितेंद्र ने एक विवाद के दौरान पीटा था. दोनों जितेंद्र को पीटना चाहते थे. 26 मई को जब ओम प्रकाश रात में अपने घर के बाहर सो रहा था, दोनों ने उसे जितेंद्र समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई.’

चोरी के मामले में जहां मनोज को पहले भी गिरफ्तार किया गया था, वहीं विजय को पहली बार गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 30 मई को सुल्तानपुर जेल भेज दिया गया था.

जेल अधिकारियों के अनुसार, दोनों तब नाखुश थे जब उनके परिवारों ने उन्हें बताया कि हत्या के मामले में उनके लिए जमानत हासिल करना आसान नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें संदेह है कि मनोज और विजय की मौत आत्महत्या से हुई है.