राजस्थान: दलित युवती से बलात्कार और हत्या के आरोपी दो कॉन्स्टेबल निलंबित

राजस्थान के बीकानेर ज़िले का मामला. भाजपा ने इस मामले के विरोध में प्रदर्शन किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि युवती के साथ बलात्कार और हत्या की घटना में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता राज्य सरकार के माथे पर कलंक है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

राजस्थान के बीकानेर ज़िले का मामला. भाजपा ने इस मामले के विरोध में प्रदर्शन किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि युवती के साथ बलात्कार और हत्या की घटना में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता राज्य सरकार के माथे पर कलंक है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राजस्थान के बीकानेर जिले में एक 20 वर्षीय दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और दो पुलिसकर्मियों और तीसरे आरोपी के खिलाफ जांच जारी है.

युवती का शव मंगलवार (20 जून) को एक सुनसान जगह पर मिला था. बुधवार (21 जून) को उसके रिश्तेदारों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग करते हुए अपना विरोध जारी रखा. जिला प्रशासन से बातचीत के बाद परिवार शाम को शव के पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हो गया.

एफआईआर के मुताबिक, युवती रोज सुबह कोचिंग क्लास जाती थी. पिता ने एफआईआर में कहा, ‘पिछले 10-15 दिनों से (मुख्य आरोपी) दिनेश बिश्नोई उसका पीछा कर रहा था. मना करने के बाद भी उसने उसका पीछा करना बंद नहीं किया.’

एफआईआर के मुताबिक, मंगलवार सुबह जैसे ही युवती कोचिंग क्लास के लिए निकली, दिनेश दो आरोपी कॉन्स्टेबल भागीरथ और मनोज के साथ कथित तौर पर उसे एक कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया.

पिता ने आरोप लगाया, ‘उन तीनों के अलावा दो-तीन अन्य लोग भी थे, जिन्होंने मेरी बेटी के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी.’

उनकी शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) और 302 (हत्या) के साथ-साथ एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

बीकानेर पुलिस अधीक्षक (एसपी) तेजस्वनी गौतम ने कहा कि दोनों कॉन्स्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है.

एसपी ने कहा, ‘युवती बेहोशी की हालत में पाई गई, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था. स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए एडिशनल एसपी और मैं मौके पर पहुंचे. फोरेंसिक लैब और मोबाइल जांच इकाई ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया.’

मामले की जांच बीकानेर ग्रामीण एडिशनल एसपी दीपक कुमार को सौंपी गई है.

आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजे के अलावा परिवार ने जिला प्रशासन के सामने 10 मांगें रखी हैं. इनमें स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) द्वारा मामले की जांच और पीड़ित के परिजन को सरकारी नौकरी शामिल है.

एसपी गौतम ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘परिवार निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है, इसलिए आईजी ने खुद आकर उन्हें आश्वासन दिया. वे परिजनों के लिए सरकारी नौकरी और मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं, जो मानदंडों के अनुसार दिया जाएगा.’

अधिकारियों ने कहा कि एससी/एसटी अधिनियम के तहत हत्या के लिए परिवार को 8.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें से आधा शव परीक्षण के बाद और शेष आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद दिया जाएगा.

एसपी ने कहा, ‘उनके बाकी प्रस्ताव सरकार को भेजे जाएंगे, ताकि वे इस पर फैसला ले सकें.’

इस बीच, भाजपा ने इस मामले पर विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, ‘दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए. यह सरकार की विफलता है और राज्य सरकार को ऐसे अपराधों को नियंत्रित करने के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए.’

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि बीकानेर के खाजूवाला में युवती के साथ बलात्कार और हत्या की घटना में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सरकार के माथे पर कलंक है.

राठौड़ ने कहा कि सिपाहियों का निलंबन महज औपचारिकता है, जिससे लड़की के परिजनों में पुलिस प्रशासन के प्रति नाराजगी है. दुर्भाग्य की बात है कि अब तक दोनों आरोपी सिपाहियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.’