ट्विटर के पास विभिन्न देशों के क़ानून मानने या बंद होने के जोख़िम के अलावा विकल्प नहीं: मस्क

ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी ने पिछले दिनों कहा था कि किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे. इस पर ट्विटर के वर्तमान प्रमुख एलन मस्क ने कहा है कि हम जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वह है किसी भी देश के क़ानूनों का पालन करना.

(फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी ने पिछले दिनों कहा था कि किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे. इस पर ट्विटर के वर्तमान प्रमुख एलन मस्क ने कहा है कि हम जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वह है किसी भी देश के क़ानूनों का पालन करना.

(फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

नई दिल्ली: ट्विटर के प्रमुख एलन मस्क ने बुधवार (21 जून) को कहा कि उसके पास किसी भी देश में स्थानीय कानूनों का पालन करने या बंद होने का जोखिम उठाने के अलाना कोई और विकल्प नहीं है.

समाचार वेबसाइट दिप्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क की टिप्पणियां ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में आई हैं.

गौरतलब है कि डोर्सी ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार की आलोचना करने वाली सामग्री को न हटाने की स्थिति में ट्विटर पर छापेमारी और इसे बंद करने की धमकी दी गई थी.

न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘ट्विटर के पास स्थानीय कानूनों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. अगर हम स्थानीय सरकार के कानूनों का पालन नहीं करते हैं तो हम बंद हो जाएंगे.’

मस्क ने कहा, ‘हम जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वह है किसी भी देश के कानूनों का पालन करना. इससे अधिक करना असंभव है.’

मस्क ने कहा कि विभिन्न सरकारों के अलग-अलग नियम और कानून होते हैं और हम कानून के तहत संभव सबसे स्वतंत्र अभिव्यक्ति प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे.

मस्क ने कहा कि पूरी दुनिया पर कोई अमेरिकी कानून नहीं लगा सकता.

इससे पहले बीते अप्रैल महीने में ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वह संभवत: भारत सरकार द्वारा जारी ब्लॉकिंग आदेशों का पालन करते हैं, क्योंकि वह ऐसे हालात का सामना करना नहीं चाहते हैं, जहां ट्विटर के कर्मचारियों को जेल भेजा जा रहा हो.

उन्होंने कहा था कि भारत में सोशल मीडिया संबंधी नियम काफी सख्त हैं. जेल जाने से बेहतर है कि हम क़ानून मानेंगे.

हाल ही में एक साक्षात्कार में डोर्सी, जिन्होंने 2021 में ट्विटर के सीईओ का पद छोड़ दिया था, ने दावा किया था कि सीईओ के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ट्विटर को भारत सरकार से 2020-2021 के किसान आंदोलन से जुड़े और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट्स को ब्लॉक करने के अनुरोध प्राप्त हुए थे.

यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जब ट्विटर के सीईओ के रूप में विदेशी सरकारों से मिले दबावों के बारे में पूछा गया तो जैक डोर्सी ने कहा था, ‘भारत एक ऐसा देश है, जिसने किसान आंदोलन के दौरान, विशेष रूप से सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के एकाउंट पर रोक लगाने के बारे में हमसे कई अनुरोध किए थे और यह व्यक्त किया गया था, जैसे- ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, जो कि हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है; यह भी कहा गया था, ‘हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे’, जो उन्होंने किया भी; यह भी बोला गया था, ‘अगर आप नियम का पालन नहीं करते हैं, तो हम आपके कार्यालय बंद कर देंगे’ और आप देंखेंगे कि यही भारत एक लोकतांत्रिक देश है.’

सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को सरासर झूठ करार दिया था. उन्होंने कहा था कि डोर्सी के ट्विटर शासन को भारतीय कानून की संप्रभुता स्वीकार करने में समस्या थी. चंद्रशेखर ने कहा था, ‘उन्होंने (ट्विटर) ऐसा व्यवहार किया जैसे भारत के कानून उन पर लागू नहीं होते.’

जैक डोर्सी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी सेल के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा था कि मोदी सरकार सोशल मीडिया का गला घोंट रही है. यह फ्री स्पीच के लिए ख़तरा है.

पूर्व आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था कि डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास ‘हर कारण’ था.

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