आरएसएस समर्थित संगठन को अध्यक्षता करने देने पर ट्रेड यूनियनों ने एल-20 बैठकों का बहिष्कार किया

लगभग 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बिहार के पटना में आयोजित जी-20 देशों की ट्रेड यूनियनों की एल-20 बैठकों का बहिष्कार किया है. वे आरएसएस समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ को बैठक का अध्यक्ष नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले से नाखुश हैं.

बिहार के राज्यपाल ने एल-20 बैठक का उद्घाटन किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@PIB_India)

लगभग 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बिहार के पटना में आयोजित जी-20 देशों की ट्रेड यूनियनों की एल-20 बैठकों का बहिष्कार किया है. वे आरएसएस समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ को बैठक का अध्यक्ष नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले से नाखुश हैं.

बिहार के राज्यपाल ने एल-20 बैठक का उद्घाटन किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@PIB_India)

नई दिल्ली: लगभग 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार (22 जून) से बिहार के पटना में आयोजित हो रही जी-20 देशों की ट्रेड यूनियनों की एल-20 बैठकों (Labour-20 Summit) का बहिष्कार किया है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा इसलिए है, क्योंकि वे आरएसएस समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को एल-20 बैठकों के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले से नाखुश हैं.

विरोध करने वाली यूनियनों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघ परिसंघ (आईटीयूसी) एल-20 बैठकों की अध्यक्षता करता था और भारतीय मजदूर संघ इस परिसंघ का सदस्य नहीं है. हालांकि, केंद्र सरकार ने कथित तौर पर आईटीयूसी के इस सुझाव को खारिज कर दिया है कि भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस को भी बैठक का अध्यक्ष बनाया जाए.

पिछले महीने आईटीयूसी ने एक बयान जारी कर इस बात पर जोर देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की थी कि भारतीय मजदूर संघ एल-20 बैठक की अध्यक्षता करेगा.

बयान में कहा गया था, ‘इस साल आईटीयूसी और स्वतंत्र भारतीय यूनियनों द्वारा कुछ मुद्दों पर महीनों की बातचीत और समझौते की पेशकश के बावजूद भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि एल-20 की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ द्वारा की जाएगी. यह हिंदू राष्ट्रवादी ट्रेड यूनियन परिसंघ प्रधानमंत्री मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी के करीब है, जो अगले साल चुनाव लड़ेगी.’

आईटीयूसी के कार्यवाहक महासचिव ल्यूक ट्राएंगल ने कहा, ‘वर्षों से जी-20 की मेजबानी करने वाली सरकारों ने जी-20 में कामकाजी लोगों का प्रतिनिधित्व करने में दुनिया के अग्रणी स्वतंत्र ट्रेड यूनियन परिसंघ की भूमिका को स्वीकार किया है. इसका सम्मान चीन और सऊदी अरब जैसे देशों, जहां स्वतंत्र संघ नहीं हैं, द्वारा किया गया था. फिर भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और जीवंत स्वतंत्र ट्रेड यूनियन आंदोलन वाले भारत की सरकार कामकाजी लोगों के प्रतिनिधित्व के मामले में अब तक के सबसे खराब जी-20 की मेजबानी करेगी.’

आईटीयूसी के बयान में कहा गया है, ‘सरकार समर्थित भारतीय मजदूर संघ भारत में दिखावटी एल-20 कार्यक्रम आयोजित करेगा, वहीं, आईटीयूसी और टीयूएसी (ओईसीडी की ट्रेड यूनियन सलाहकार समिति) भारत में अधिकांश ट्रेड यूनियन सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ जी-20 देशों के यूनियनों को शामिल करते हुए वर्चुअल एल-20 कार्यक्रम आयोजित करेंगे.’

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने गुरुवार को एल-20 बैठक का उद्घाटन किया. बैठक की अध्यक्षता बीएमएस अध्यक्ष हिरण्मय पंडया कर रहे हैं.

इस आयोजन का बहिष्कार करने वाली यूनियनों और उनके कारणों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि उनका मंत्रालय हमेशा त्रिपक्षीय परामर्श को प्रोत्साहित करता रहा है और भारत से कई ट्रेड यूनियन सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.