पशुधन के परिवहन को लेकर कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि अगर कोई क़ानून को अपने हाथ में लेता है, तो उसे पकड़ा जाए और उस पर मुक़दमा चलाया जाए. हालांकि, भाजपा ने उनके भाषण का एक हिस्सा उठाकर उन पर राज्य में अवैध गोहत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगा दिया.
नई दिल्ली: कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने 22 जून को कानून प्रवर्तक अधिकारियों से कलबुर्गी जिले में गोरक्षा और पशुधन परिवहन से संबंधित कानूनों को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया.
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंत्री के भाषण का केवल एक हिस्सा शेयर करते हुए उन पर राज्य में अवैध गोहत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगा दिया.
खड़गे ने जिले के पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘सभी पीएसआई और डीएसपी, कृपया सुनें. जो लोग विभिन्न गुटों से जुड़े होने का दावा करते हुए गोरक्षा करने में शामिल हैं, वे अक्सर किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों से अनजान होते हैं. यदि कोई किसी विशेष गुट के प्रति निष्ठा दिखाते हुए कानून को अपने हाथ में लेता है, तो उसे पकड़ा जाए और उस पर मुकदमा चलाया जाए. कानून स्पष्ट है.’
द न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रियांक ने पशुधन के परिवहन के दौरान अनुचित उत्पीड़न को समाप्त करने का भी आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘पशुधन का परिवहन करने वालों के पास यदि आवश्यक अनुमति और दस्तावेज हैं, तो उन्हें उत्पीड़न का सामना न करना पड़े, फिर चाहे शहर की सीमा में हो या ग्रामीण क्षेत्रों में. ऐसे उदाहरण हैं, जहां लोग अधिकारी होने का झूठा दावा करते हैं और गैरकानूनी तरीके से किसानों से जानवर जब्त कर लेते हैं. मैं आपसे कानून के अनुसार कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्री ने पशुधन परिवहन के दौरान उत्पीड़न में हालिया वृद्धि के लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
दूसरी ओर, कर्नाटक भाजपा के ट्विटर हैंडल से दावा किया गया कि खड़गे ने अवैध गोहत्या को बढ़ावा दिया और इसका विरोध करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों पर दबाव डाला.
कर्नाटक भाजपा ने ट्वीट किया, ‘भारतीय संविधान का अनुच्छेद 48 स्पष्ट रूप से जानवरों के वध पर प्रतिबंध लगाता है, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर. हालांकि, प्रियांक खड़गे न केवल अवैध गोहत्या को बढ़ावा देकर अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं, बल्कि पुलिस अधिकारियों पर इसका विरोध करने वाले को गिरफ्तार करने का दबाव भी डाल रहे हैं.’
Article 48 of the Indian Constitution clearly prohibits the slaughter of animals, particularly in public spaces.
However, @PriyankKharge is abusing his power by not only promoting illegal cow slaughter but also pressuring police officials to arrest anyone who opposes it.
The… pic.twitter.com/7N66Q8jOBh
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) June 25, 2023
भाजपा की कर्नाटक इकाई के द्वारा आगे लिखा गया है, ‘स्वयंभू संविधान विशेषज्ञ सिद्धारमैया को बताना चाहिए कि क्या यह बाबा साहेब के भारतीय संविधान का उल्लंघन है या नहीं. यदि नहीं, तो दोनों को भारतीय संविधान को लेकर शिक्षित होने की जरूरत है.’
द वायर भी अपनी रिपोर्ट में 2021 में अधिनियमित हुए कर्नाटक वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम-2020 की खामियों को लेकर प्रकाश डाल चुका है, जिनका झुकाव गायों या मवेशियों की रक्षा और संरक्षण के बजाय मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की ओर अधिक है.
वहीं, फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने भी एक ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट किया कि खड़गे ने गोहत्या को बढ़ावा नहीं दिया, बल्कि उन्होंने कानून प्रवर्तन अधिकारियों से कहा कि यदि पशुधन रखने की अनुमति और दस्तावेज वाले लोगों को गोरक्षक परेशान करते पाए जाते हैं तो उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाए.
A lot of Right Wing trolls are seen sharing clipped video. Here’s what Priyank Kharge said to Karnataka Police Cow Vigilante goons.
“Now Bakrid is coming up.. According to the law, All PSIs and DSPs please listen.. People who do cow vigilantism, saying we are from this dal, that… pic.twitter.com/z3I6jn5a0H— Mohammed Zubair (@zoo_bear) June 25, 2023
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