बिहार: गोमांस ले जाने के संदेह में कथित गोरक्षकों द्वारा मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

सारण ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि 55 वर्षीय मृतक मोहम्मद जहीरुद्दीन एक हड्डी फैक्ट्री में काम करते थे. काम पर जाते समय उनका कंटेनर ट्रक ख़राब होने पर कथित गोरक्षकों का एक समूह वहां पहुंचा. वाहन में से बदबू आने पर समूह ने गोमांस ले जाने के संदेह में उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

(प्रतीकात्मक फोटो: फेसबुक/@SaranPolice)

सारण ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि 55 वर्षीय मृतक मोहम्मद जहीरुद्दीन एक हड्डी फैक्ट्री में काम करते थे. काम पर जाते समय उनका कंटेनर ट्रक ख़राब होने पर कथित गोरक्षकों का एक समूह वहां पहुंचा. वाहन में से बदबू आने पर समूह ने गोमांस ले जाने के संदेह में उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक/@SaranPolice)

नई दिल्ली: बिहार के सारण जिले में कथित गोरक्षकों के समूह ने एक 55 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी. समूह को उन पर गोमांस ले जाने का संदेह था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक,पुलिस ने बताया है कि जलालपुर थाना क्षेत्र के बंगरा गांव में बुधवार रात से गुरुवार सुबह के बीच हुई इस घटना के सिलसिले में कम से कम 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कहा कि मामले को बढ़ने से रोकने के लिए बाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई हैं.

सारण के एसपी गौरव मंगला ने बताया कि मृतक मोहम्मद जहीरुद्दीन गौरा पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले मंझावली गांव का निवासी थे और एक हड्डी फैक्ट्री में काम करते थे. वे काम पर जा रहे थे जब उनका कंटेनर ट्रक खराब हो गया.

एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘जैसे ही उनका कंटेनर ट्रक बटराहा बाजार के पास खराब हो गया, लगभग 40 गोरक्षकों का एक समूह मदद के लिए वहां पहुंचा, लेकिन उन्हें वाहन से बदबू आ रही थी. उन्होंने उसे कंटेनर खोलने के लिए मजबूर किया.’

उन्होंने आगे बताया, ‘जैसे ही जहीरुद्दीन ने कंटेनर खोला, इन लोगों को कुछ हड्डियां मिलीं और उन पर गोमांस ले जाने का संदेह हुआ. पुलिस के मौके पर पहुंचने तक उन्होंने उस व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की और उसे सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसने दम तोड़ दिया.’

पुलिस ने कहा कि कंटेनर से बरामद हड्डियों के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं. यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि क्या मृतक गोमांस ले जा रहा था.

उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता नहीं लगाया गया है कि ये कथित गोरक्षक किसी दक्षिणपंथी संगठन से जुड़े थे या नहीं.

बिहार का कानून, बिहार पशु संरक्षण और सुधार अधिनियम, 1955, गायों और बछड़ों के वध पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के या विकलांग गोवंश को वध करने की अनुमति देता है.

हत्या के बाद पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बंगरा गांव में सुरक्षा बढ़ा दी है. एसपी ने कहा, ‘किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं. मृतक का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया.’

एसपी ने कहा कि आठ नामजदआरोपियों और 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 147 (दंगा करना), 148 (हथियार से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी भीड़ का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के लिए किए गए अपराध का दोषी) और 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

उन्होंने बताया कि 20 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, बाकी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.