फ्रांस: पुलिस की गोली से किशोर की मौत के बाद भड़के दंगे जारी, हज़ारों प्रदर्शनकारी गिरफ़्तार

बीते 27 जून को फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक उपनगर में ट्रैफिक के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने अल्जीरियाई मूल के एक 17 वर्षीय कार चालक को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. घटना का वीडियो फैलते ही अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ पुलिस की हिंसा पर गुस्सा भड़क गया और फ्रांस गंभीर नस्लीय तनाव की चपेट में आ गया.

(फोटो: ट्विटर स्क्रीनग्रैब)

बीते 27 जून को फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक उपनगर में ट्रैफिक के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने अल्जीरियाई मूल के एक 17 वर्षीय कार चालक को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. घटना का वीडियो फैलते ही अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ पुलिस की हिंसा पर गुस्सा भड़क गया और फ्रांस गंभीर नस्लीय तनाव की चपेट में आ गया.

(फोटो: ट्विटर स्क्रीनग्रैब)

नई दिल्ली: फ्रांस के गृह मंत्रालय ने कहा है कि पुलिस द्वारा 17 वर्षीय एक किशोर नाहेल एम. की हत्या को लेकर फ्रांस में लगातार पांचवीं रात दंगे जारी रहे.

पुलिस द्वारा हालात काबू में करने के बीच गिरफ्तारियों का दौर जारी है. अब तक सैकड़ों की संख्या में लोगों को गिरफ्तार और हिरासत में लिया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी सरकार ने रविवार को कहा कि 17 वर्षीय किशोर की पुलिस की हत्या से भड़के दंगों की पांचवीं रात में सैकड़ों और लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

प्रदर्शनकारियों, जिनमें ज्यादातर नाबालिग थे, ने कारों को आग लगा दी, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया और गुस्से में आकर पुलिस के साथ झड़प की.

गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस ने पिछली रात लगभग 1,300 गिरफ्तारियों के बाद रात भर में 719 गिरफ्तारियां कीं, जो अभी भी एक अस्थायी संख्या है. कहा गया है कि 74 इमारतों में आग लगा दी गई और 871 सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आग लगा दी गई.

मंत्रालय ने कहा कि 20 से अधिक पुलिस स्टेशनों पर भी हमला किया गया. आंकड़ों से पता चलता है कि देशभर में तनाव में गिरावट आई है, हालांकि पुलिस ने अभी भी कई घटनाएं दर्ज की हैं.

समाचार वेबसाइट डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दंगों में 1350 कारों को आग लगा दी गई है, जबकि सड़कों पर आगजनी की कुल 2560 घटनाएं हुई हैं. पुलिस ने हिंसा को रोकने के लिए शुक्रवार (30 जून) रात विशेष इकाइयों सहित लगभग 45,000 अधिकारियों को तैनात किया है.

किस कारण से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 27 जून को पेरिस के उपनगर नानतेरे (Nanterre) में ट्रैफिक रोकने के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने अल्जीरियाई मूल के किशोर नाहेल को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.

डीडब्ल्यू के मुताबिक, कई फ्रांसीसी समाचार संस्थानों द्वारा सत्यापित वीडियो में दो पुलिस अधिकारियों को एक वाहन को रोकने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है, जिनमें से एक खिड़की से ड्राइवर पर अपना हथियार तान रहा है और गोली चला देता है.

अपने बचाव में पुलिस अधिकारियों का कहना था कि किशोर ने उन्हें कुचलने की धमकी दी थी, जिससे उनकी जान खतरे में थी. किशोर के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने पुलिस के इस दावे के खारिज कर दिया.

यह घटना एक ट्रैफिक स्टॉप पर हुई थी और किशोर का नाम नाहेल एम था. वह एक डिलीवरी ड्राइवर था. पुलिस ने उसे रुकने को बोला था, लेकिन वह नहीं रुका तो संदिग्ध मानते हुए पुलिसकर्मी द्वारा उस पर गोली चला दी गई.

उस समय कार में सवार एक यात्री को कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया था और फिर छोड़ दिया गया था. दूसरा यात्री भाग गया था. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इस घटना को ‘अक्षम्य’ करार दिया था.

इससे पहले नाहेल की मां ने ‘फ्रांस-5’ टीवी को बताया था कि वह उस अधिकारी पर नाराज हैं, जिसने उनके बेटे को मार डाला, लेकिन सामान्य तौर पर पुलिस पर नहीं.

अल्जीरियाई मूल की मां ने कहा, ‘उसने अरब जैसा दिखने वाला एक छोटा बच्चा देखा, वह उसकी जान लेना चाहता था.’

बहरहाल नाहेल की हत्या का किसी ने वीडियो भी बना लिया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो के फैलते ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ पुलिस की हिंसा पर गुस्सा भड़क गया और फ्रांस गंभीर नस्लीय तनाव की चपेट में आ गया.

सीएनएन के अनुसार, नाहेल की मौत से देश में नस्लीय पूर्वाग्रह को लेकर गुस्सा भड़क गया है. लोगों ने इस दौरान सैकड़ों सरकारी इमारतों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर सीएनएन के विश्लेषण के अनुसार, बीते 27 जून से 2,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और 500 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी घायल हुए हैं.

फ्रांस के गृह मंत्री जेराल्ड दारमेनिन ने कहा कि अकेले पेरिस में 5,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए है. अधिकारियों को दंगे को शांत करने, गिरफ्तारियां करने और ‘गणतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने’ की शक्तियां दी गई हैं.

विदेशी फ्रांसीसी क्षेत्रों में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं. गुरुवार (29 जून) को दंगों के दौरान फ्रेंच गुयाना की राजधानी केयेन में ‘गोली’ लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई.

वहां के अधिकारियों के अनुसार, पुलिस ने हिंद महासागर में फ्रांसीसी क्षेत्र रियूनियन में दंगों में कम से कम 28 लोगों को हिरासत में लिया है.

डीडब्ल्यू के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने बताया कि पिछली रात (शुक्रवार) की तुलना में आग लगने, कारों के जलने और पुलिस स्टेशनों पर हमले किए जाने की संख्या में कमी आई है.

गृह मंत्री दारमेनिन ने देश भर में सभी सार्वजनिक बसों और ट्रामों को रात के समय बंद करने का आदेश दिया है. सार्वजनिक परिवहन वाहन दंगाइयों के निशाने पर रहे हैं.

गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से भी आग्रह किया कि वे खुद को हिंसा के आह्वान के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल न होने दें. उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म ने ‘बहुत सहयोग’ दिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाहेल का अंतिम संस्कार शनिवार (1 जुलाई) को नानतेरे में आयोजित किया गया. वह यहीं रहते थे. अंतिम संस्कार में उनकी मां और दादी के साथ सैकड़ों लोग शांतिपूर्वक एकत्र हुए.

ये विरोध प्रदर्शन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के लिए एक नया संकट पेश करते हैं, जो सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने को लेकर जनवरी में महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद अपने दूसरे जनादेश के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद कर रहे थे. उन्होंने फ्रांस में स्थिति की गंभीरता का संकेत देते हुए रविवार से शुरू होने वाली जर्मनी की राजकीय यात्रा स्थगित कर दी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रविवार सुबह स्थिति पिछली चार रातों की तुलना में शांत थी, हालांकि मध्य पेरिस मे कुछ तनाव देखा गया और मार्सिले, नीस और एवं शहर स्ट्रासबर्ग में छिटपुट झड़पें हुईं.

सबसे बड़ा टकराव मार्सिले में था, जहां पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और देर रात तक सिटी सेंटर के आसपास युवाओं के साथ सड़क पर लड़ाई लड़ी.

पेरिस में पुलिस ने चैंप्स एलिसीज़ एवेन्यू पर इकट्ठा होने के सोशल मीडिया पर किए गए आह्वान के बाद वहां सुरक्षा बढ़ी दी. आमतौर पर पर्यटकों से खचाखच भरी रहने वाली सड़क पर सुरक्षा बल तैनात थे और जगह-जगह जांच कर रहे थे. संभावित क्षति और लूट-पाट को रोकने के लिए दुकान के सामने के हिस्से पर बोर्ड लगा दिए गए थे.

पूरे देश में स्थानीय अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध की घोषणा की है और सार्वजनिक परिवहन को शाम को बंद करने का आदेश दिया. वहीं, कुछ जगह रात का कर्फ्यू लगाया है.

रॉयटर्स ने गृह मंत्री जेराल्ड दारमेनिन के हवाले से बताया है कि अशांति शुरू होने के बाद से दंगाइयों ने 2,000 वाहनों को आग लगा दी है. 200 से अधिक पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं और गिरफ्तार किए गए लोगों की औसत आयु 17 वर्ष है. न्याय मंत्री एरिक डुपोंट-मोरेटी ने कहा कि हिरासत में लिए गए 30 फीसदी लोग 18 वर्ष से कम उम्र के हैं.