उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले का मामला. रविवार को पुलिस ने 28 वर्षीय मोहम्मद साजिद को जुआ खेलने के आरोप में उठा लिया था. उन्हें छोड़ने के कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस चौकी में उन्हें प्रताड़ित किया गया. परिवार ने ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रटौल कस्बे में रविवार (2 जुलाई) को 28 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत से विवाद पैदा हो गया है. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस चौकी में ज्यादती के बाद उसकी मौत हो गई, जबकि पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खेखड़ा की डिप्टी एसपी प्रीता सिंह ने बताया, ‘हमें अभी तक परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है. वे दावा कर रहे हैं कि उनकी मौत पुलिस हिरासत में हुई. शिकायत मिलने पर हम (आरोप की) सत्यता की जांच करेंगे.’
हालांकि, परिवार ने आरोप लगाया कि रटौल चौकी के तीन पुलिसकर्मी रविवार सुबह पीड़ित मोहम्मद साजिद को उठाकर ले गए और उन पर जुए में शामिल होने का आरोप लगाया था.
परिजनों ने बताया कि साजिद के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं, जिनमें सबसे बड़ा सात साल का है.
साजिद के पिता ने कहा, ‘मेरा बेटा जुए में शामिल नहीं था. उसने मुझसे कहा कि वह कुछ मिनटों में वापस आएगा और हम साथ में आम खाएंगे. वह बस दूसरों को ताश खेलते हुए देख रहा था, लेकिन पुलिस वहां पहुंची और मेरे बेटे समेत तीन लोगों को उठा लिया, जबकि अन्य दो को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, पुलिस ने साजिद को नहीं जाने दिया.’
रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने रविवार दोपहर में रटौल चौकी के बाहर प्रदर्शन किया और उनसे पूछताछ करने की आड़ में उन्हें प्रताड़ित करने में कथित तौर पर शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
बागपत के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. परिवार ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. हम उनकी शिकायत के मुताबिक कार्रवाई करेंगे. मैंने अतिरिक्त एसपी की अध्यक्षता में जांच का आदेश दिया है, वह सभी तथ्यों का पता लगा रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई सबूत सामने आता है तो हम कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई करेंगे.’
बागपत एसपी कार्यालय के पीआरओ राजिंदर सिंह ने कहा, ‘साजिद को पुलिस ने पूछताछ के बाद रिहा कर दिया था. वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ गए और घर पर ही उनकी मौत हो गई. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया है, रिपोर्ट का इंतजार है.’
मृतक के भाई 37 वर्षीय मो. सहाबुद्दीन ने कहा कि जब साजिद चौकी से बाहर आया तो उनकी हालत बहुत खराब थी.
उन्होंने कहा, ‘यहां खेल रहे बच्चों ने पुलिस को उसे पीटते हुए देखा. जैसे ही हम उसे घर लाए, उसने बताया कि वह बहुत अस्वस्थ महसूस कर रहा है और बेहोश हो गया. हम तुरंत उसे अस्पताल ले जाने के लिए निकल पड़े. रास्ते में उसके मुंह से झाग निकलने लगा. थोड़ी देर बाद उसके शरीर ने हरकत करना बंद कर दिया.’
परिवार ने बताया कि साजिद को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया.