द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तीन साल 11 महीने बाद इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को अदालत ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ 11 जुलाई को ‘दिशा-निर्देश पारित करने’ के लिए बैठक करेंगे- यानी अगस्त 2019 के राष्ट्रपति आदेश और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को चुनौती को लेकर सुनवाई निर्धारित करेंगे. जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत इस संविधान पीठ का हिस्सा होंगे. चूंकि जस्टिस कौल दिसंबर के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इसलिए पीठ को उससे पहले अपना फैसला सुनाना होगा. मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ 23 याचिकाएं दायर की गई थीं.
अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में रविवार को खालिस्तान समर्थकों ने कथित तौर पर आग लगा दी. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, घटना में कोई भी कर्मचारी घायल नहीं हुआ और अग्निशमन विभाग ने इसे तुरंत बुझा दिया था. खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अस्थायी सुरक्षा अवरोध तोड़े और दूतावास परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए. इन्हें जल्द ही हटा दिया गया. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह इस घटना की निंदा करता है. अमेरिका में राजनयिक केंद्रों या विदेशी राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा एक अपराध है. इससे पहले मार्च महीने में भी खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने इसी दूतावास पर हमला किया था.
महाराष्ट्र में एनसीपी में दोफाड़ के बाद नेताओं के दल-बदल का सिलसिला जारी है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रविवार को अजित पवार के साथ गए सतारा विधायक मकरंद पाटिल और कराड (उत्तरी) विधायक बालासाहेब पाटिल शरद पवार गुट में लौट आए हैं. इससे पहले शिरूर से सांसद अमोल कोल्हे शरद पवार खेमे में शामिल हुए थे. खबर है कि विधायक दिलीप मोहिते पाटिल भी शरद गुट में लौटे हैं. उन्होंने दावा किया कि अजित ने बिना बताए विधायकों के साइन लिए थे. ये सभी नेता अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे. उस समय अजित पवार ने दावा किया था कि उन्हें एनसीपी के 40 विधायकों का समर्थन हासिल है.
भारत ने कनाडा में लगे खालिस्तान समर्थक पोस्टर में शीर्ष भारतीय राजनयिकों की तस्वीरों और नामों का मुद्दा कनाडा सरकार के समक्ष उठाया है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद टोरंटो और वैंकूवर स्थित भारतीय मिशनों तक निकाले जाने वाले विरोध मार्च के लिए खालिस्तान समर्थक पोस्टर दिखाई दिए थे. इसे लेकर सवाल पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमने पहले ही अपने साथी देशों जैसे कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से अनुरोध किया है कि वे खालिस्तानियों को जगह न दें, क्योंकि उनकी कट्टरपंथी, चरमपंथी सोच न तो हमारे लिए अच्छी है, न उनके लिए और न ही हमारे संबंधों के लिए.
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर पूर्वोत्तर राज्यों में उठे विरोध के स्वरों के बाद क़ानून और न्याय पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने उत्तर-पूर्व और देश के अन्य हिस्सों के आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, समिति की बैठक में सुशील मोदी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत शासित होने वाले उत्तर-पूर्व प्रदेशों और छठी अनुसूची में उल्लेखित आदिवासी क्षेत्रों को यूसीसी से छूट दी जानी चाहिए. उन्होंने यह बात एक बैठक में रखी, जहां विपक्षी सदस्यों ने इस विवादास्पद मुद्दे पर परामर्श शुरू करने के विधि आयोग के कदम के समय पर सवाल उठाया.
मणिपुर में दो महीने से जारी हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है- एक मणिपुर ट्राइबल फोरम, दिल्ली और दूसरी मणिपुर विधानसभा की हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दायर की गई याचिका. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में पुनर्वास शिविरों, हथियारों की बरामदगी, क़ानून व्यवस्था समेत अन्य उठाए जा रहे क़दमों को शामिल किया जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
कर्नाटक विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद भाजपा ने सोमवार देर रात कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बारे में औपचारिक फैसला होने तक पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अंतरिम तौर पर यह जिम्मेदारी संभालेंगे. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, यह निर्णय पार्टी द्वारा सोमवार को नवनिर्वाचित विधानसभा के पहले सत्र में विधायक दल के नेता और किसी अन्य पदाधिकारी के मौजूद न होने के बाद आया है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के 50 दिन से अधिक समय बाद भी भाजपा अंदरूनी कलह के चलते विपक्ष के नेता का नाम घोषित नहीं कर सकी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
केंद्र सरकार ने तीसरी बार हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस की बिक्री रद्द कर दी है. नवभारत टाइम्स के अनुसार, पवन हंस को अब निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा. पवन हंस खरीदने के लिए सफल बोली लगाने वाले कंसोर्टियम- स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को लंबित कानूनी मामलों के मद्देनजर अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इस कंसोर्टियम में बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्युनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं. हालांकि, बीते मई में अल्मास ग्लोबल के खिलाफ एनसीएलटी में मामला विचाराधीन होने की बात सामने आने के बाद इस बिक्री प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था. पवन हंस सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी का संयुक्त उपक्रम है, जिसमें सरकार के पास 51% हिस्सेदारी है.