प्रवासियों पर हमले की फ़र्ज़ी ख़बर पर दैनिक भास्कर को भूल-सुधार छापने के आदेश समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले की फ़र्ज़ी ख़बरें छापने के लिए दैनिक भास्कर अख़बार को इस समूह के सभी संस्करणों के पहले पन्ने पर भूल-सुधार प्रकाशित करने को कहा है. लाइव लॉ के अनुसार, अखबार के डिजिटल डिविजन के समाचार संपादक प्रसून मिश्रा को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि यह ‘दुखद’ है कि खबर बिना सत्यापन के प्रकाशित की गई थी. तमिलनाडु पुलिस द्वारा इस बाबत कई मामले दर्ज किए गए थे, जहां प्रवासी श्रमिकों पर हमले की अफवाहों और फेक न्यूज़ को लेकर दैनिक भास्कर के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर के सिलसिले में मिश्रा ने अग्रिम जमानत मांगी थी.

दक्षिण भारत में अमूल के विस्तार की योजना में अब कर्नाटक और तमिलनाडु के बाद आंध्र प्रदेश इसके दस्तक देने पर राजनीतिक विवाद शुरू ही गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को अमूल सुविधा की आधारशिला रखी और कहा कि इसका उद्देश्य उस जगह पर स्थित बंद पड़ी विजया डेयरी को पुनर्जीवित करना है, जो 2002 में बंद हो गई थी. जहां विपक्षी तेदेपा ने रेड्डी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह परियोजना गुजरात के हाथों ‘बिक जाना’ और तेलुगु गौरव के लिए झटका है, वहीं मुख्यमंत्री ने तेदेपा नेता एन. चंद्रबाबू नायडू पर उनके परिवार के स्वामित्व वाली हेरिटेज डेयरी को बढ़ावा देने के लिए विजया डेयरी के पतन की वजह होने का आरोप लगाया. जगन मोहन सरकार ने एक एमओयू के तहत चित्तूर की जमीन अमूल को 99 साल के लिए पट्टे पर दे दी है.

त्रिपुरा की भाजपा सरकार ने राज्य सरकार की नौकरियों के लिए स्थायी निवासी प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस द्वारा राज्य के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी में जगह बनाने की बात कहने के कुछ ही दिनों बाद मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी राज्य सरकारी विभागों और अर्ध-सरकारी निकायों में नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए ‘त्रिपुरा का स्थायी निवासी होने का प्रमाणपत्र’ अनिवार्य कर दिया है. साहा ने कहा कि इस फैसले को उनकी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कदम राज्य के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए है.

मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला की गिरफ़्तारी के बाद प्रशासन द्वारा उसके घर का एक हिस्सा ढहा दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल का प्रतिनिधि एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर रहा है. वीडियो को लेकर विवाद होने पर मुख्यमंत्री द्वारा आरोपी पर रासुका के तहत कार्रवाई के निर्देश देने के बाद उसे गिरफ़्तार किया गया. जहां भाजपा विधायक ने आरोपी के उनसे संबद्ध होने की बात से इंकार किया है, वहीं आरोपी के पिता ने दावा किया है कि उनके बेटे को केदारनाथ शुक्ल का प्रतिनिधि होने के चलते विपक्ष द्वारा निशाना बनाया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत 19 जुलाई तक बढ़ा दी है. बार एंड बेंच के अनुसार, पिछले हफ्ते गुजरात हाईकोर्ट द्वारा सीतलवाड़ को ‘फ़ौरन सरेंडर’ करने के आदेश के खिलाफ याचिका को सुप्रीम के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अंतिम निपटान के लिए 19 जुलाई को सूचीबद्ध किया और तब तक गुजरात उच्च न्यायालय से जवाब दाखिल करने को कहा. हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें शीर्ष अदालत से 1 जुलाई को अंतरिम जमानत मिली थी. गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के सिलसिले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सीतलवाड़ पर ‘झूठे सबूत गढ़कर नरेंद्र मोदी समेत कई निर्दोष लोगों को फंसाने की साज़िश रचने का आरोप लगाया है. सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत के चलते अब तक उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया था.

पूर्वोत्तर राज्यों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के विरोध के बीच अब मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने इसे जातीय अल्पसंख्यकों के हितों के ख़िलाफ़ बताया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष ज़ोरामथांगा ने विधि आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि यूसीसी का प्रस्तावित अमल मिजो समुदाय की धार्मिक व सामाजिक प्रथाओं और उनके पारंपरिक/व्यक्तिगत कानून के विपरीत है, जिन्हें विशेष रूप से संवैधानिक प्रावधानों द्वारा संरक्षित किया गया है, इसलिए केंद्र की एनडीए सरकार का उक्त प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता. एमएनएफ भाजपा के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) का एक घटक दल है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का क्षेत्रीय संस्करण है.

यूसीसी पर देश में चल रही बहस के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि इसे लाने में और देरी हमारे मूल्यों के लिए हानिकारक होगी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आईआईटी-गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में धनखड़ ने कहा कि समान नागरिक संहिता भारत और इसके राष्ट्रवाद को और अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ेगा. उन्होंने जोड़ा, ‘जब हम अमृतकाल में हैं, तो नीति निदेशक सिद्धांतों के कार्यान्वयन में बाधा डालने या देरी करने का कोई आधार या तर्क नहीं हो सकता है.’