उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के रहने वाले 17 वर्षीय बहादुर सिंह 11वीं के छात्र थे और दो महीने पहले ही कोटा आए थे. यहां वह एक कोचिंग संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे थे. कोटा शहर में इस साल कोचिंग लेने वाले छात्रों द्वारा संदिग्ध आत्महत्या का यह 15वां मामला है.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा शहर में 17 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी ने अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. कोचिंग हब के लिए जाने जाने वाले कोटा में इस साल कक्षाएं लेने वाले छात्रों द्वारा संदिग्ध आत्महत्या का यह 15वां मामला है.
उन्होंने बताया कि छात्र बहादुर सिंह का शव शनिवार सुबह उनके कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के रहने वाले थे और दो महीने पहले ही कोटा आए थे. वह 11वीं कक्षा का छात्र थे और यहां एक कोचिंग संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे थे.
महावीर नगर सर्कल इंस्पेक्टर परमजीत पटेल ने कहा कि लड़के ने शुक्रवार (7 जुलाई) रात अपने हॉस्टल के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
उनके अनुसार, शनिवार सुबह छात्र के एक दोस्त ने उनके शव को छत के पंखे से लटका देखा और केयरटेकर को सूचित किया. पटेल ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस छात्रावास पहुंची और अंदर से बंद कमरे में घुसकर शव बरामद किया.
उन्होंने बताया कि छात्र कथित तौर पर पिछले 3-4 दिनों से अपनी कोचिंग कक्षाओं से अनुपस्थित थे.
पटेल ने कहा कि पुलिस छात्र के बारे में अधिक जानकारी जुटाने और कोचिंग संस्थान से उसकी स्कोरिंग स्थिति और कक्षा में नियमितता का आकलन करने के लिए उसकी परफॉरमेंस शीट प्राप्त करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि कथित आत्महत्या के पीछे का कारण अब तक पता नहीं चला है. कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कोटा में किसी कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या का यह 15वां मामला माना जा रहा है. पिछले साल कम से कम 15 कोचिंग छात्रों की आत्महत्या से मृत्यु हुई थी.
अनुमान है कि इस शैक्षणिक सत्र में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए 2.25 लाख से अधिक छात्र शहर के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में कक्षाएं ले रहे हैं.