गोलवलकर पर विवादित पोस्ट के आरोप में दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ दो एफ़आईआर दर्ज

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से किए गए पोस्ट में आरएसएस के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर को लेकर ग़लत टिप्पणियां की गई हैं. पोस्ट में कहा गया है​ कि गोलवलकर दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को समान अधिकार देने के ख़िलाफ़ थे.

दिग्विजय सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से किए गए पोस्ट में आरएसएस के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर को लेकर ग़लत टिप्पणियां की गई हैं. पोस्ट में कहा गया है​ कि गोलवलकर दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को समान अधिकार देने के ख़िलाफ़ थे.

दिग्विजय सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर पर एक विवादास्पद पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

गोलवलकर सबसे लंबे समय तक आरएसएस प्रमुख रहे हैं. 1940-73 तक वह संगठन के शीर्ष पर रहे हैं.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. पहली एफआईआर स्थानीय वकील और आरएसएस कार्यकर्ता राजेश जोशी की शिकायत पर शनिवार (8 जुलाई) देर रात इंदौर के तुकोगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई, जबकि दूसरी एफआईआर रविवार दोपहर को राजगढ़ जिले के राजगढ़ कोतवाली में आरएसएस कार्यकर्ता हरिचरण तिवारी की शिकायत पर दर्ज की गई.

दोनों एफआईआर आईपीसी की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) के तहत दर्ज की गई हैं.

दोनों एफआईआर में शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से किए गए पोस्ट में दूसरे आरएसएस प्रमुख को लेकर गलत टिप्पणियां की गई हैं. पोस्ट में कहा गया है​ कि गोलवलकर दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को समान अधिकार देने के ख़िलाफ थे.

शिकायतकर्ताओं का आरोप है , ‘दिग्विजय सिंह ने पूर्व आरएसएस प्रमुख गोलवलकर को लेकर ऐसी झूठी टिप्पणियां कर जान-बूझकर दलितों, मुसलमानों और पिछड़ों के बीच आरएसएस के प्रति नफरत पैदा करने और विभिन्न वर्गों के बीच संघर्ष और दुश्मनी को भड़काने की कोशिश की है.’

इससे पहले शनिवार की सुबह सिंह ने ट्वीट और फेसबुक पर एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें गोलवलकर के हवाले से कई विवादास्पद टिप्पणियां लिखी हुई थीं.

पोस्ट में गोलवलकर और आरएसएस के झंडे की तस्वीरें थीं, उसमें गोलवलकर को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि वह दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को समान अधिकार देने के बजाय ब्रिटिश शासन के तहत रहना पसंद करते. इसमें कुछ अन्य विवादास्पद टिप्पणियां भी थीं.

रिपोर्ट के अनुसार, सिंह की पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरएसएस ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर ‘फोटो-शॉप्ड’ तस्वीर पोस्ट करने का आरोप लगाया. आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी और संगठन के प्रचार विभाग के प्रमुख सुनील अंबेकर ने कहा, ‘यह निराधार है और सामाजिक वैमनस्यता पैदा करने वाला है.’

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और राज्य के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिग्विजय सिंह पर उनकी पोस्ट को लेकर निशाना साधा.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व आरएसएस प्रमुख ने जीवन भर सामाजिक मतभेदों को दूर करने और एक सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के लिए काम किया.

चौहान ने ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस नेताओं को सही तथ्यों को समझे बिना झूठा प्रचार और नफरत फैलाने की आदत है. गुरुजी (एमएस गोलवलकर) ने आजीवन एक सामंजस्यपूर्ण समाज की स्थापना और सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए काम किया, इसलिए उनके खिलाफ कोई भी गलत प्रचार निंदनीय है.’

वहीं, राज्य भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा कहा, ‘दिग्विजय सिंह के खून में अंग्रेजों के साथ-साथ मुगलों के भी जीन हैं. उनकी ताजा पोस्ट उनकी और कांग्रेस की बांटो और राज करो की राजनीति और मध्य प्रदेश में माहौल खराब करने का हिस्सा है. यह प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन मध्य प्रदेश की जनता उनके नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने देगी.

इस बीच सोमवार सुबह एक ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं यह जानना चाहता हूँ कि जब आरएसएस पंजीकृत संस्था नहीं है, उसकी सदस्यता नहीं है तो फिर कुछ लोग इतना परेशान क्यों हो जाते हैं? मैं सदैव समाज में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने के पक्ष में रहा हूं. मुझे हैरानी तब होती है, जो स्वयं समाज में वैमन्यसता फैला रहे हैं वे ही मुझ पर आरोप लगा रहे हैं.’

वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने एक अंग्रेजी किताब के आधार पर तथ्य साझा किए हैं. उन्होंने कहा, ‘दिग्विजय सिंह तथ्यों की जांच करने के बाद ही सब कुछ लिखते हैं और यह मामला अदालत में टिक नहीं पाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा कांग्रेस की आवाज को दबा नहीं सकती. मैंने राज्य भाजपा प्रवक्ता द्वारा साझा किए गए गोमांस पर एक वीडियो के बारे में पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं और पुलिस ने सभी सबूत प्रस्तुत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की है.’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस केवल भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की शिकायतों पर कार्रवाई करती है.