उत्तर भारत में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 41 लोगों की मौत

पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है. हिमाचल प्रदेश में बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से पिछले दो दिनों में 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि पंजाब और हरियाणा में 9, राजस्थान में 7 और उत्तर प्रदेश में 3 लोगों की मौत होने की सूचना है.

लगातार बारिश से सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश प्रभावित हुआ है. (फोटो: ट्विटर वीडियोग्रैब)

पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है. हिमाचल प्रदेश में बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से पिछले दो दिनों में 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि पंजाब और हरियाणा में 9, राजस्थान में 7 और उत्तर प्रदेश में 3 लोगों की मौत होने की सूचना है.

लगातार बारिश से सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश प्रभावित हुआ है. (फोटो: ट्विटर वीडियोग्रैब)

नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों में पूरे उत्तर भारत में लगातार बारिश के कारण मरने वालों की संख्या 41 हो गई है, भूस्खलन, बाढ़, जल-जमाव और संबंधित आपदाओं ने क्षेत्र के राज्यों – विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कहर बरपाया है.

स्काईमेट वेदर में मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बीते सोमवार को कहा था कि भारी बारिश का यह दौर तीन मौसम प्रणालियों के एक साथ आ जाने के कारण है, पश्चिमी हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ, उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर एक चक्रवाती परिसंचरण और इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों में मानसून की अक्षीय रेखा चल रही है.

उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण मानसून पैटर्न में बदलाव से फर्क पड़ा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि पंजाब और हरियाणा में 9, राजस्थान में 7 और उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ीं विभिन्न घटनाओं में 3 लोगों की मौत की सूचना है.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटों में इसने 20 लोगों की जान ले ली है.

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा, ‘प्रदेश में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. मंडी में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है. पुल और सड़कें भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हैं. भूस्खलन और मकान ढहने से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है.’

दिल्ली में यमुना समेत उत्तर भारत की कई नदियां उफान पर हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तमाम सड़कें पूरी तरह जलमग्न होने के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं.

पीटीआई ने आगे बताया है कि भारी बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए चार उत्तर भारतीय राज्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कुल 39 टीमें तैनात की गई हैं. पंजाब में 14 टीमें काम कर रही हैं, एक दर्जन हिमाचल प्रदेश में, आठ उत्तराखंड में और पांच हरियाणा में तैनात हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश और बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक और निजी संपत्ति का अनुमानित नुकसान पहले ही 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. नदियों के उफान के कारण नष्ट हो रहीं संरचनाओं की भयावह फुटेज सामने आई हैं.

हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा, ‘परामर्श और चर्चा चल रही है. मुझे लगता है कि अगले 24 घंटों में हम आगे बढ़ पाएंगे. हम यहां बसों की स्थिति की जांच कर रहे हैं. कुल्लू सबसे ज्यादा प्रभावित है और सभी मार्ग पर यात्रा निलंबित कर दिए गए हैं. हमने विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को बचाया है.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों के लिए हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में ‘रेड’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है. मंगलवार और बुधवार के लिए उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है.

आईएमडी वैज्ञानिक के अनुसार, हिमाचल के सोलन, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल में अगले 24 घंटों के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि आईएमडी अधिकारियों के अनुसार, अगले 24 घंटों के लिए मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है.

हिमाचल प्रदेश लगातार जारी भारी बारिश के बीच राजधानी शिमला को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) टैंकरों के माध्यम से लोगों को पानी की आपूर्ति कर रहा है.

शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, ‘आपदा के कारण राज्य को बहुत नुकसान हुआ है. चाहे जल योजनाएं हों, सड़कें हों या बांध हों. शिमला में हमने निजी टैंकर किराये पर लिए हैं और नगर निगम के टैंकर भी पानी मुहैया करा रहे हैं. हम टैंकरों से यथासंभव अधिक से अधिक स्थानों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.’

इस बीच, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण अमरनाथ यात्रा लगातार चौथे दिन निलंबित रही. राष्ट्रीय राजमार्ग के रामबन खंड को व्यापक क्षति हुई, जिससे लगभग 15,000 तीर्थयात्री जम्मू और अन्य स्थानों पर फंस गए हैं.

अखबार के मुताबिक, अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में यमुना 206 मीटर के निकासी निशान को पार कर गई है, जिससे बाढ़ संभावित और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. उम्मीद है कि नदी धीरे-धीरे कम होने से पहले मंगलवार दोपहर तक 206.65 मीटर तक बढ़ जाएगी.

आईएमडी ने सुबह 8 बजे अपने नवीनतम पूर्वानुमान में अगले पांच दिनों के दौरान उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के साथ हल्की/मध्यम व्यापक वर्षा की भविष्यवाणी की है. आज दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की भी संभावना है.

मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन-चार दिनों तक पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और बिहार में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक रूप से हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना है.