एमपी: कांग्रेस का आरोप- 10 में से 7 टॉपर्स ने भाजपा विधायक के केंद्र पर दी लिखित परीक्षा

मध्य प्रदेश में लगभग 9.8 लाख छात्रों ने पटवारी के पदों के लिए बीते 26 अप्रैल को परीक्षा दी थी. रिजल्ट 30 जून को घोषित किए गए, 10 जुलाई को शीर्ष 10 टॉपर्स की सूची जारी की गई. इनमें से 7 टॉपर के ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में परीक्षा देने के बाद विवाद खड़ा हो गया. यह भाजपा विधायक संजीव कुशवाह के स्वामित्व में है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मध्य प्रदेश में लगभग 9.8 लाख छात्रों ने पटवारी के पदों के लिए बीते 26 अप्रैल को परीक्षा दी थी. रिजल्ट 30 जून को घोषित किए गए, 10 जुलाई को शीर्ष 10 टॉपर्स की सूची जारी की गई. इनमें से 7 टॉपर के ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में परीक्षा देने के बाद विवाद खड़ा हो गया. यह भाजपा विधायक संजीव कुशवाह के स्वामित्व में है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में पटवारियों की नियुक्ति के लिए आयोजित एक परीक्षा के नतीजों में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगे हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 10 में से सात टॉपर्स ने भाजपा के एक विधायक के स्वामित्व वाले केंद्र पर परीक्षा दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्तारूढ़ भाजपा से स्पष्टीकरण मांगते हुए कांग्रेस ने परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग की है.

हालांकि, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने परीक्षा के आयोजन में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार करते हुए कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव से पहले दुष्प्रचार का सहारा लेने का आरोप लगाया.

मिश्रा ने कहा, ‘कुल 114 प्रतिभागियों ने उस विशेष केंद्र में परीक्षा उत्तीर्ण की है, केवल सात टॉपर्स के बारे में सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस अपने प्रचार से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.’

सात टॉपर्स के ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में परीक्षा देने के बाद विवाद खड़ा हो गया है, जो भाजपा विधायक संजीव कुशवाह के स्वामित्व में है.

संपर्क करने पर कुशवाह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘यह संस्था मेरी है. यह एक इंजीनियरिंग कॉलेज हुआ करता था, जो कम दाखिले के कारण बंद हो गया. इसमें एक कंप्यूटर लैब और अन्य सुविधाएं हैं, जिनका उपयोग अब परीक्षा केंद्र के रूप में किया जाता है. हम परीक्षा आयोजित करने के लिए जगह किराये पर देते हैं. यह (पटवारी) परीक्षा कर्मचारी चयन बोर्ड (ईएसबी) द्वारा आयोजित की जाती है, आपको उनसे पूछना चाहिए कि क्या हुआ.’

रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 9.8 लाख छात्रों ने ग्रुप-2 और सब ग्रुप-4 पटवारी के पदों के लिए 26 अप्रैल को परीक्षा दी थी. परिणाम 30 जून को घोषित किए गए, इसके बाद 10 जुलाई को शीर्ष 10 स्कोरर्स की सूची जारी की गई.

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने आरोप लगाया कि ज्यादातर टॉपर्स में एक बात समान है. उन्होंने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं पर हिंदी में हस्ताक्षर किए. उन्होंने सवाल किया कि जो लोग अंग्रेजी में अच्छा स्कोर करते हैं वे हिंदी में हस्ताक्षर क्यों करेंगे.

यादव ने कहा, ‘(उत्तर पुस्तिका के) बॉडी-मार्किंग कॉलम में एक चयनित उम्मीदवार ने अंग्रेजी में लिखा, ‘कट ऑन मार्क नोज़’; जबकि सही अंग्रेजी होगी ‘कट मार्क ऑन नोज़’. क्या उसे अंग्रेजी में 100 प्रतिशत अंक नहीं मिले? भाजपा को स्पष्टीकरण देना चाहिए.’

यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सात टॉपर्स में से एक ने परीक्षा में 185 अंक हासिल किए, जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड ने उत्तर के रूप में गलत विकल्प दिए जाने के कारण 11 प्रश्न हटा दिए थे.

यादव ने यह भी पूछा कि किसी भी कोचिंग सेंटर ने परीक्षा के लिए सातों को प्रशिक्षित करने का दावा क्यों नहीं किया, जैसा कि इन दिनों सामान्य चलन है.

यादव ने कहा, ‘इस एनआरआई कॉलेज से चयन प्रतिशत दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग संस्थानों से अधिक है, जहां आईएएस कोचिंग प्रदान की जाती है. यह कैसे संभव है?’

कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मलय श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम इस मुद्दे की जांच नहीं कर रहे हैं. परीक्षा उचित नियमों का पालन करते हुए आयोजित की गई थी.’