जनवरी से ईसाइयों के ख़िलाफ़ हिंसा की कम से कम 400 घटनाएं, यूपी में सर्वाधिक: रिपोर्ट

यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के अनुसार, जून में इस अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ सबसे अधिक हमले देखे गए, जहां कुल 88 घटनाएं या प्रतिदिन औसतन तीन घटनाएं दर्ज हुईं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के अनुसार, जून में इस अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ सबसे अधिक हमले देखे गए, जहां कुल 88 घटनाएं या प्रतिदिन औसतन तीन घटनाएं दर्ज हुईं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

नई दिल्ली: दिल्ली के मानवाधिकार समूह यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम (यूसीएफ) ने कहा है कि जनवरी के बाद से भारत के 23 राज्यों में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की कम से कम 400 घटनाएं हुई हैं.

सियासत डेली के अनुसार, मानवाधिकार निकाय ने कहा कि यह संख्या 2022 से अधिक है, जब इसी अवधि में 274 घटनाएं दर्ज की गईं थीं.

2023 की पहली छमाही में उत्तर प्रदेश 155 घटनाओं के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद छत्तीसगढ़ (84), झारखंड (35), हरियाणा (32), मध्य प्रदेश (21), पंजाब (12), कर्नाटक (10), बिहार (नौ), जम्मू कश्मीर (आठ) और गुजरात (सात) रहे.

यूपी में जौनपुर में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के सर्वाधिक 13 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद रायबरेली और सीतापुर में ऐसी 11-11 घटनाएं हुईं. कानपुर में ऐसे दस मामले दर्ज किए गए, जबकि आज़मगढ़ और कुशीनगर जिलों में नौ-नौ मामले दर्ज हुए.

यूसीएफ के अनुसार, जून में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ सबसे अधिक हमले देखे गए, जहां कुल 88 घटनाएं या प्रतिदिन औसतन तीन घटनाएं हुईं.

संस्था ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उत्तराखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़ और गोवा में भी हिंसा के कई मामले दर्ज किए गए.

यूसीएफ ने 2014 के बाद से ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि की ओर इशारा किया है.

जहां 2014 में 147 ऐसी घटनाएं हुई थीं, वहीं 2015 में हमलों की संख्या बढ़कर 177 हो गई. 2016 में 208, 2017 में 240, 2018 में 292, 2019 में 328, 2020 में 279, 2021 में 505, 2022 में 599 घटनाएं दर्ज हुईं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब  2023 के पहले 190 दिनों मेइस तरह की 400 घटनाएं सामने आई हैं.

यूसीएफ ने जोड़ा कि मणिपुर में जारी हिंसा के कारण अनगिनत चर्च नष्ट हुई हैं और कई लोगों की जान गई है.

प्रेस विज्ञप्ति में अल्पसंख्यक समुदाय से अनुचित गिरफ्तारियों की भी बात की गई है और कहा गया कि इन अत्याचारों का शिकार होने के बावजूद आरोपियों की तुलना में ईसाइयों के खिलाफ एफआईआर की संख्या अधिक है.

यूसीएफ ने यह भी कहा कि धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम के तहत धर्मांतरण के झूठे आरोपों के कारण ईसाइयों के खिलाफ 63 एफआईआर दर्ज की गईं. 35 पादरियों को जेल में डाल दिया गया और उनकी जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी गईं.

उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रशासनिक देरी के कारण जमानत पाए व्यक्तियों को भी लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq