साल 2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय यह पार्टी सपा के साथ गठबंधन में थी. उससे पहले एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.
नई दिल्ली: कई हफ्तों की अटकलों के बाद ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गई और आगामी लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ेगी.
इस घटनाक्रम की औपचारिक घोषणा एसबीएसपी प्रमुख राजभर की नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद की गई.
रविवार को एक ट्वीट में अमित शाह ने कहा, ‘ओम प्रकाश राजभर जी से दिल्ली में भेंट हुई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में आने का निर्णय लिया. मैं उनका एनडीए परिवार में स्वागत करता हूं. राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा.’
श्री @oprajbhar जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ।
राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा… pic.twitter.com/uLnbgJedbF
— Amit Shah (@AmitShah) July 16, 2023
राजभर ने भी कहा कि दोनों दल मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भाजपा और सुभासपा साथ आए हैं. हम साथ मिलकर सामाजिक न्याय, देश की रक्षा-सुरक्षा, सुशासन वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए लड़ेंगे.’
मा०गृह मंत्री भारत सरकार आदरणीय श्री अमित शाह जी से दिल्ली में भेंट हुई और माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया। मैं मा०अमित शाह जी,मा०प्रधानमंत्री जी,मा०मुख्यमंत्री जी,मा०जेपी जेपी नड्डा को धन्यवाद देता हूँ।
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) July 16, 2023
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, 2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव के समय यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में थी. पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और छह में जीत हासिल की थी. हालांकि बाद में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान यह सपा से अलग हो गई.
इससे पहले, एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और चार सीटों पर जीत दर्ज की थी.
राजभर को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले पहले मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया था. हालांकि, भगवा पार्टी के साथ अनबन के बाद उन्होंने जल्द ही इस्तीफा दे दिया था.
एसबीएसपी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का लगभग 4 प्रतिशत हिस्सा राजभर समुदाय को अनुसूचित जाति (एससी) की सूची में शामिल करने का आह्वान करती है.
लखनऊ के राजनीतिक हलकों में एसबीएसपी के साथ नए सिरे से गठबंधन को अगले साल के आम चुनावों से पहले भाजपा द्वारा उठाए जा रहे कई कदमों में से एक के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इस महत्वपूर्ण राज्य में 80 लोकसभा सीटें हैं.
भाजपा ने 2024 के चुनावों के लिए ‘परफेक्ट 80’ का नारा दिया है. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने दम पर यूपी से 62 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी छोटी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को दो सीटें हासिल हुई थीं.
रिपोर्ट के अनुसार, अब अपना दल और एसबीएसपी दोनों के साथ भाजपा राज्य में गैर-यादव ओबीसी के बीच अपने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समर्थन आधार को अधिकतम करने का लक्ष्य रख रही है.
एसबीएसपी के साथ गठबंधन करने की भाजपा की रणनीति पिछले 2022 विधानसभा और 2019 के संसदीय चुनाव परिणामों के कारण भी थी, क्योंकि भगवा पार्टी पूर्वी यूपी के गाजीपुर, मऊ और आजमगढ़ जिलों में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं थी, जहां एसबीएसपी की उपस्थिति है.
सपा-एसबीएसपी गठबंधन ने 2022 के चुनावों में इन जिलों की कम से कम 20 विधानसभा सीटों पर भाजपा को नुकसान पहुंचाया था.
भाजपा क्रमश: गाजीपुर की 7 और आजमगढ़ जिले की 10 विधानसभा सीटों में से एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई थी, जबकि मऊ जिले की चार सीटों में से केवल एक ही जीत पाई थी.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस बेल्ट में बीजेपी की कमजोरी 2019 के लोकसभा में भी नजर आई थी. पार्टी को गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ संसदीय सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था.
यहां तक कि गाजीपुर से सटी चंदौली लोकसभा सीट पर भी बीजेपी 14,000 से कम वोटों से जीती, मछलीशहर सीट पर भगवा पार्टी कुछ सौ वोटों से जीती और पास के बलिया में 18,000 से कम वोटों से जीती.