सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाख़िल कर याचिकाकर्ता ने कहा था कि उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो शो ‘बस कर बस्सी’ देखा है, जो वकीलों और न्यायिक प्रणाली के लिए अपमानजनक है. इसे लेकर शो करने वाले स्टैंड-अप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 जुलाई) को अपने शो ‘बस कर बस्सी’ में वकीलों और न्यायिक प्रणाली को कथित रूप से अपमानित करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा, ‘(संविधान के) अनुच्छेद 32 के तहत यह रिट याचिका क्या है? हम दोनों ही नहीं समझ सकते कि आप क्या चाहते हैं.’
अनुच्छेद 32 भारतीय नागरिकों को यह अधिकार देता है कि यदि उन्हें लगता है कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है तो वे सर्वोच्च न्यायालय जा सकते हैं.
याचिकाकर्ता के वकील फरहत वारसी ने अदालत को बताया कि उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा है, जो वकीलों और न्यायिक प्रणाली के लिए अपमानजनक है.
याचिकाकर्ता ने कहा, ‘मुझे यूट्यूब पर ‘बस कर बस्सी’ नाम का एक वीडियो मिला और मैंने देखा कि प्रतिवादी अनुभव बस्सी ने अधिवक्ताओं और न्यायिक प्रणाली को अपमानित किया है.’
पीठ ने कहा कि ऐसी चीजों का ध्यान रखने के लिए अन्य लोग भी हैं और वकील को अपनी चिंता करनी चाहिए. जस्टिस कौल ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि वास्तव में आप लोगों के पास करने के लिए बेहतर चीजें हैं.’