झारखंड के हज़ारीबाग़ के बरही थाने का मामला. चोरी के आरोपी 25 वर्षीय मंज़र ख़ान की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि उनकी मौत आत्महत्या से हुई, जबकि परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि यह ‘हिरासत में यातना’ का मामला है. वे इस संबंध में शिकायत दर्ज कराएंगे.
नई दिल्ली: झारखंड के हजारीबाग में चोरी के आरोपी 25 वर्षीय व्यक्ति की मौत पर विवाद हो गया है. पुलिस का कहना है कि उसकी मौत आत्महत्या से हुई, जबकि परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि यह ‘हिरासत में यातना’ का मामला है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विवाद के बाद बरही थाने में पदस्थ एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया और हजारीबाग पुलिस ने न्यायिक जांच के लिए उपायुक्त को लिखा है. राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को फिलहाल जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
पुलिस के अनुसार, उन्होंने 25 वर्षीय मंज़र खान उर्फ अशफ़ाक को सोमवार (17 जुलाई) शाम को हजारीबाग के बरही इलाके में एक पड़ोसी के घर में चोरी करते हुए पकड़े जाने के बाद गिरफ्तार किया था. शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और खान को रात भर लॉक-अप में रखा गया और मंगलवार (18 जुलाई) को जिला अदालत में पेश किया जाना था. हालांकि, पुलिस ने कहा कि उसने रस्सी से खुद का गला घोंट लिया.
हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा, ‘मंजर को उसके पड़ोसियों ने रंगे हाथ पकड़कर पुलिस का बुलाया था. मंगलवार को जब वह लॉक-अप में था, उसने खुद का गला घोंटने के लिए रस्सी का इस्तेमाल किया. खान को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.’
एसपी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने पूरे करिअर में इस तरह का मामला कभी नहीं देखा, लेकिन प्रथमदृष्टया यह हत्या नहीं है. हालांकि, अगर सीआईडी की जांच में कुछ भी सामने आता है तो हम हत्या का मामला दर्ज करेंगे.’
दूसरी ओर बरही में मंजर खान के चाचा जाहिद खान ने कहा कि यह ‘हिरासत में यातना का स्पष्ट मामला’ है, जिसके कारण मौत हुई. जाहिद ने बताया कि मंजर उनके घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. वह कार ड्राइवर का काम करता था. उसके पिता लकवा से पीड़ित हैं.
उन्होंने कहा, ‘जब मंजर को कथित तौर पर चोरी करते हुए पकड़ा गया, तो मुझे बताया गया कि पुलिस ने उसकी पिटाई की. साथ ही, यह पूरी थ्योरी कि उसने खुद का गला घोंटा था, बहुत अजीब है. हमें बताया गया कि उसने अपनी पतलून फाड़ दी और खुद को फांसी लगा ली. अब नई बात सुन रहा हूं कि उसने अपना गला घोंट लिया. यह संभव नहीं है और मैं मान रहा हूं कि उसे लॉक-अप में पीटा गया था.’
जाहिद ने यह भी सवाल किया कि मंजर को उसकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद न्यायाधीश के सामने क्यों नहीं पेश किया गया. उन्होंने कहा, ‘उसकी गर्दन के आसपास निशान थे, लेकिन अन्य चोटें भी लग रही थीं. हम भी जल्द ही शिकायत दर्ज कराएंगे.’