गुजरात दंगा संबंधी मामले में तीस्ता को सुप्रीम कोर्ट से नियमित ज़मानत समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

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(फोटो: द वायर)

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों से जुड़े मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को नियमित जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल हो चुका है, लिहाजा उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सीतलवाड़ को जमानत देते हुए गोधरा कांड के बाद साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के गवाहों को प्रभावित नहीं करने का आदेश दिया. पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के एक जुलाई के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें तीस्ता को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से जुड़े मामले में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई को तीस्ता को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने गोधरा कांड के बाद झूठे सबूत गढ़ने की कोशिश की, जिससे मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत गुजरात सरकार के कुछ बड़े चेहरों को फंसाया जा सके. हालांकि पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते ही तीस्ता को गिरफ्तार किया गया था.

उत्तराखंड के चमोली में बुधवार को अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट दौड़ने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई. ऐसी आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि इस हादसे में छह पुलिस कर्मियों की भी जान चली गई है. जानकारी के मुताबिक इस हादसे की चपेट में आने से 20 से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलस गए हैं. इनमें दो लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें श्रीनगर के हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना में मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार (19 जुलाई) को एक अंतरिम आदेश के माध्यम से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर किए गए एक ट्वीट के संबंध में भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी. मालवीय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और आपराधिक साजिश शामिल थी. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि विचाराधीन ट्वीट एक व्यक्ति के खिलाफ था और इसलिए इसे किसी समूह, वर्ग के खिलाफ या आईपीसी की धारा 153ए के तहत सजा देने के लिए समूहों या वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाला नहीं माना जा सकता है. जिस ट्वीट के लिए मालवीय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, उसमें एक एनिमेटेड वीडियो था, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘भारत तोड़ो’ के हिस्से के रूप में दिखाया गया था. एफआईआर कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे और रमेश बाबू की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.

सियाचिन ग्लेशियर में बुधवार तड़के आग लगने की एक घटना में सेना के एक अधिकारी की मौत हो गई, जबकि तीन सैनिक घायल हो गए. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य अधिकारियों ने कहा कि घायल सैनिकों को सुकशल निकालकर एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा कि यह घटना तड़के करीब 3:30 बजे की है.

उत्तर प्रदेश में कानपुर की मेयर और भाजपा नेता प्रमिला पांडे ने बीते मंगलवार (18 जुलाई) को कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि मुस्लिम और हिंदू एक-दूसरे के घर न खरीद सकें. शहर के मुस्लिम बहुल मुंशी पुरवा इलाके के दौरे के दौरान उन्होंने ​कहा कि वह योगी आदित्यनाथ सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करेंगी. दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इलाके का उनका दौरा एक हिंदू मंदिर के पास मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा अवैध अतिक्रमण की शिकायत के बाद हुआ. उन्होंने कहा कि उन्हें मुसलमानों से कोई समस्या नहीं है, लेकिन वह उनके इरादों को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा, ‘आप (मुसलमानों ने) इतनी (परेशानी) पैदा की है कि हिंदू (यह जगह) छोड़कर चले गए. धर्मस्थल को मत छुओ. तीर्थ हमारा है, जो जहां है वहीं रहेगा. (लेकिन इसके बजाय) आप इसके पास एक दरवाजा या एक खिड़की बनाते हैं, (यहां तक ​​कि) अपने आप को (वहां) राहत देते हैं. यह गलत है.’ इस दौरान उनके एक वीडियो में उन्हें कुछ और विवादास्पद टिप्पणियां करते हुए दिखाया गया है. इलाके से गुजरते समय मेयर प्रमिला पांडेय को वहां के कुछ घरों के बारे में पूछते हुए सुना जाता है. उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘सफाई कैसे होगी?’ हिंदू सोचते हैं कि वे (मुसलमान) अधिक पैसे दे रहे हैं, घर बेच दें और चले जाएं. उनके (मुसलमानों) पास पैसा है.’

हिंसाग्रस्त मणिपुर राज्य की सरकार ने बुधवार को एक रैली के मद्देनजर घाटी के पांच जिलों में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक दैनिक कर्फ्यू में छूट हटा दी है और पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया है. द टेलीग्राफ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का यह फैसला क्वैरमबैंड इमा कीथल जॉइंट कोऑर्डिनेटिंग कमेटी फॉर पीस द्वारा सभी से ‘मदर्स प्रोटेस्ट’ रैली को सफल बनाने की अपील के बाद आया है. यह कमेटी इंफाल शहर के मेन बाजार की महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है. इसे देखते हुए राजधानी इंफाल शहर में भी सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं.

दिल्ली से इलाहाबाद की रेल यात्रा के दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम चौधरी और उनकी पत्नी के साथ पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में जलपान नहीं मिला, जिसके चलते उन्हें हुई असुविधा को लेकर हाईकोर्ट ने उत्तर मध्य रेलवे से जवाब-तलब किया है. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार प्रोटोकाल आशीष कुमार श्रीवास्तव ने उत्तर मध्य रेलवे के प्रबंधक को पत्र लिखा है. अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस गौतम चौधरी और उनकी पत्नी को एसी फर्स्ट क्लास में थे. ट्रेन तीन घंटे देरी से चल रही थी. इस दौरान कोच में उन्हें न तो जीआरपी का स्टाफ मिला और न पैंट्री कार के कर्मचारी. इससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पैंट्री के कर्मचारियों द्वारा न्यायाधीश को चाय नाश्ता भी मुहैया नहीं करवाया गया, तो पैंट्री कार के प्रबंधक को उन्होंने कॉल किया पर फोन रिसीव नहीं हुआ.

400 से अधिक पारिस्थितिकीविदों के एक समूह – जिनमें प्रसिद्ध शिक्षाविदों से लेकर छात्र और शोधकर्ता तक शामिल हैं – ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को वन संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में पत्र लिखकर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं. संशोधन विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में चर्चा के लिए आने के लिए तैयार है. पत्र में कहा गया है कि यह सिर्फ संशोधन नहीं है, बल्कि एक पूरी तरह से नया अधिनियम है. इसके तहत कथित तौर पर बुनियादी ढांचे के वि​कास के लिए आवश्यक मंजूरियों से छूट दे दी गई है. पत्र में सुरक्षा संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास और चिड़ियाघरों, सफ़ारी पार्कों और इको-टूरिज्म गतिविधियों को लेकर वन मंजूरी से छूट पर चिंता व्यक्त की गई है.