कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य में शुरू की गई गृह लक्ष्मी योजना ‘भाजपा निर्मित महंगाई पर सबसे बड़ा हमला’ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कल्याणकारी योजनाओं को ‘रेवड़ी’ कहकर अपमानित नहीं करना चाहिए. उन्हें विशेषकर महिलाओं से माफ़ी मांगनी चाहिए और एक समयसीमा बतानी चाहिए कि वह महंगाई पर कब लगाम लगाएंगे.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कल्याणकारी योजनाओं को रेवड़ी (मुफ्त उपहार) के रूप में संदर्भित करने के लिए देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार द्वारा परिवार की महिला प्रमुख को हर महीने 2,000 रुपये सहायता राशि देने के लिए गृह लक्ष्मी योजना शुरू करने के संदर्भ में ये टिप्पणी की गई.
द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते बुधवार (19 जुलाई) को पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना ‘भाजपा निर्मित महंगाई पर सबसे बड़ा हमला’ है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को सीख लेनी चाहिए और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं अपनाने का दिखाया गया रास्ता अपनाना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार को एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करनी चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को कल्याण उन्मुख सरकारों और कल्याणकारी योजनाओं को ‘रेवड़ी’ कहकर अपमानित नहीं करना चाहिए. उन्हें लोगों, विशेषकर महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए और एक समयसीमा बतानी चाहिए कि वह महंगाई पर कब लगाम लगाएंगे.’
उन्होंने कहा कि गृह लक्ष्मी योजना दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना है, जिससे एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लाभ होगा. सुरजेवाला ने कहा कि राशन कार्ड डेटा के अनुसार, कर्नाटक में 1.28 करोड़ महिलाएं परिवार की मुखिया हैं.
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि योजना के लिए पंजीकरण बुधवार से शुरू होगा और धन की पहली किश्त 15 से 20 अगस्त के बीच ट्रांसफर की जाएगी.
आयकर चुकाने वालों को छोड़कर प्रत्येक परिवार को हर महीने 2,000 रुपये मिलेंगे और अगले साल तक लाभार्थियों की संख्या 1.35 करोड़ हो जाएगी, जो 30,000 रुपये करोड़ प्राप्त करेंगे.
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘गृह लक्ष्मी योजना राज्य के सभी नागरिकों के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम है. यह मोदी-निर्मित महंगाई का प्रतिकार भी है, जो हर भारतीय की जेब पर भारी पड़ रही है.’