द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में अस्सी दिनों से अधिक से जारी हिंसा को लेकर विपक्ष के विरोध और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान देने की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वे इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं. नवभारत टाइम्स के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘… बहुत संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं। मुझे नहीं मालूम कि विपक्ष संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहा है. मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें। यह महत्वपूर्ण है कि देश को इस संवेदनशील मामले पर सच्चाई पता चले।’ इससे पहले विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रधानमंत्री के बयान देने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसी हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई द्वारा सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन की रोक लगा दी है. बीते हफ्ते जिला अदालत के आदेश के बाद सोमवार सुबह सर्वेक्षण के लिए एएसआई के कर्मी परिसर में पहुंचे थे. अमर उजाला के मुताबिक, सर्वे के फैसले पर रोक लगाने की मांग को लेकर मस्जिद की देख-रेख करने वाली ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कोर्ट पहुंची थी, जिसे सुनते हुए कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगाते हुए निर्देश दिया है कि मस्जिद में कोई तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने कमेटी से कहा है कि वह जिला अदालत के फैसले पर रोक के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाए.’
संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर हंगामे के बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया. एनडीटीवी के अनुसार, सिंह के निलंबन की वजह सभापति के आदेश की बार-बार अवेहलना करना बताया गया है. कार्रवाई के बाद सिंह ने कहा कि उनका विरोध जारी रहेगा। वे संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर धरना देंगे। उधर, विपक्षी सांसदों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार की मंशा है कि किसी ना किसी तरीके से आवाज को बंद किया जाए।
मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में ग्रीस लगे हाथों से दूसरी जाति के शख़्स को छूने पर दलित व्यक्ति पर मानव मल पोतने की घटना सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, दशरथ अहिरवार नाम के दलित व्यक्ति ने शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने ग्रीस लगे हाथ से गलती से ओबीसी समुदाय से आने वाले रामकृपाल पटेल को छू लिया था, जिसके बाद पटेल ने उनके चेहरे और सिर पर मानव मल लगा दिया. पटेल के खिलाफ एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मणिपुर में अब भी हिंसा जारी है और चूड़ाचांदपुर जिले में महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ द्वारा ख़ाली मकानों और स्कूल जलाने की सूचनाएं आ रही हैं. द हिंदू के मुताबिक, पुलिस ने सोमवार को कहा कि जिले के तोरबुंग बाजार में सशस्त्र उपद्रवियों ने कम से कम 10 खाली घरों और एक स्कूल को जला दिया. हमले के दौरान कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने कई राउंड फायरिंग की और देसी बम भी फेंके. बताया गया है कि जिले में पिछले 48 घंटों से संदिग्ध उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण गोलीबारी हुई है, जिसमें एक महिला घायल हो गई. शनिवार देर रात शुरू हुई गोलीबारी सोमवार सुबह तक जारी रही.
देश की विभिन्न अदालतों में केंद्र से जुड़े 6.36 लाख से अधिक मामले लंबित हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि इसमें से अकेले वित्त मंत्रालय 1,79,464 मुक़दमों में शामिल है. इन मुक़दमों पर वर्ष 2022-23 में 54.35 करोड़ रुपये ख़र्च किया गया था. लंबित मामलों में सर्वाधिक संख्या वित्त और रेल मंत्रालयों से जुड़े केस की है. 2018 से शुरू होकर पिछले पांच वर्षों में किया गया ऐसे मामलों पर कुल खर्च 272 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है.
रिज़र्व बैंक ने बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने 2.09 लाख करोड़ रुपये के बैड लोन माफ किए हैं. इंडियन एक्सप्रेस को एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय बैंक ने यह आंकड़ा साझा किया। अख़बार के अनुसार, इस राशि को मिला दें तो पिछले पांच वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र द्वारा राइट-ऑफ किए गए कुल 10.57 लाख करोड़ रुपये (लगभग 129 बिलियन डॉलर) के ऋण माफ़ किए गए हैं.