यूपी: निषाद पार्टी ने फूलन देवी की हत्या की सीबीआई जांच की मांग उठाई

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने सपा से सांसद रहीं पूर्व दस्यु फूलन देवी की हत्या की सीबीआई जांच कराने के साथ ही उनके नाम पर आत्मरक्षा केंद्र स्थापित करने की भी मांग की है. साल 2001 में फूलन देवी की दिल्ली में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

संजय निषाद. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने सपा से सांसद रहीं पूर्व दस्यु फूलन देवी की हत्या की सीबीआई जांच कराने के साथ ही उनके नाम पर आत्मरक्षा केंद्र स्थापित करने की भी मांग की है. साल 2001 में फूलन देवी की दिल्ली में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

संजय निषाद. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार से 2001 में पूर्व दस्यु से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद फूलन देवी की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की.

इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित पत्र फूलन देवी की बरसी मंगलवार (25 जुलाई) पर भेजा. पत्र की एक प्रति निषाद ने ट्विटर पर साझा की.

अपने पत्र में निषाद ने फूलन देवी के स्वामित्व वाली संपत्तियों को ‘समाजवादी पार्टी समर्थित माफिया तत्वों’ से मुक्त कराने की भी मांग की.

पत्र में कहा गया है, ‘समाजवादी पार्टी समर्थित माफिया नेता उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं और हम मांग करते हैं कि उन्हें मुक्त कराया जाए.’

निषाद ने पूरे राज्य में फूलन देवी के नाम पर आत्मरक्षा केंद्र स्थापित करने की भी मांग की है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि फूलन देवी मछुआ समाज की ही नहीं विश्व की महिलाओं के लिए आदर्श रही हैं. उन्होंने समाज को जागरुक करने के लिए अन्याय के खिलाफ मोर्चा खोला और महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी.

यह मांग 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले की गई. माना जा रहा कि ऐसा करके निषाद पार्टी राज्य के मछुआरों और मल्लाह समुदाय को एकजुट करने का प्रयास कर रही है, जिस समुदाय से फूलन देवी थीं.

ज्ञात हो कि फूलन देवी समाजवादी पार्टी की सदस्य थीं और उसी के चुनाव चिह्न पर सांसद बनीं थीं. साल 2001 में दिल्ली स्थित उनके आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

साल 2018 के लोकसभा उपचुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ एक संक्षिप्त गठबंधन के बाद निषाद पार्टी प्रमुख 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है.