हरियाणा: गोपाल कांडा के बरी होने के बाद गीतिका के भाई ने कहा- हमारी जान को ख़तरा

हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की एयरलाइंस में कार्यरत गीतिका शर्मा अगस्त 2012 में दिल्ली में मृत पाई गई थीं. उन्होंने सुसाइड नोट में कांडा और एक महिला पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. अब दोनों को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि सिर्फ सुसाइड नोट में आरोपी का नाम लेना उन्हें दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है.

गोपाल कांडा. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की एयरलाइंस में कार्यरत गीतिका शर्मा अगस्त 2012 में दिल्ली में मृत पाई गई थीं. उन्होंने सुसाइड नोट में कांडा और एक महिला पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. अब दोनों को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि सिर्फ सुसाइड नोट में आरोपी का नाम लेना उन्हें दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है.

गोपाल कांडा. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: एयर होस्टेस गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को दिल्ली की एक अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद महिला के परिवार ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है.

ज्ञात हो कि दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 25 जुलाई को हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को उनकी विमानन कंपनी की पूर्व एयर होस्टेस गीतिका शर्मा की आत्महत्या के मामले में बरी करते हुए कहा कि ‘सिर्फ सुसाइड नोट में आरोपी का नाम लेना’ उन्हें दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने 189 पेज के आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने 65 गवाहों से पूछताछ की लेकिन आरोपी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ.

न्यायाधीश ने कांडा और सह-अभियुक्त अरुणा चड्ढा को आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) सहित आईपीसी की धाराओं के तहत दंडनीय आरोपों से बरी कर दिया. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपी ने आपराधिक साजिश के तहत ऐसी परिस्थितियां पैदा कीं जिसके कारण गीतिका के पास आत्महत्या करके मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

परिजनों ने कहा- गीतिका के पिता सदमे में हैं

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत के फैसले पर पीड़िता के भाई अंकित शर्मा ने कहा, ‘मेरे 66 साल के पिता फैसले के बाद सदमे की स्थिति में हैं.’

उन्होंने कहा कि उनके पास केस लड़ने के साधन नहीं हैं और उन्होंने राज्य से इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का आग्रह किया.

कांडा की एमएलडीआर एयरलाइंस में कार्यरत गीतिका शर्मा 5 अगस्त 2012 को उत्तर-पश्चिम दिल्ली में उनके अशोक विहार स्थित आवास पर मृत पाई गई थीं. 4 अगस्त की तारीख के सुसाइड नोट में शर्मा ने कहा था कि वह कांडा और अरुणा चड्ढा के ‘उत्पीड़न’ के कारण खुदकुशी कर रही हैं.

प्रभावशाली नेता कांडा को उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद गृह राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. गीतिका की आत्महत्या के छह महीने बाद उनकी मां ने भी खुदकुशी कर ली थी.

अब गीतिका के भाई अंकित ने कहा, ‘हमारे लिए 11 वर्ष भावनात्मक रूप से उथल-पुथल भरे रहे हैं. यह 11 सालों की लंबी लड़ाई का अंजाम है. हम अब अपनी जान को लेकर डरे हुए हैं. यह हमारे लिए जानलेवा स्थिति है.’

विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने मामले में सह-आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष सभी उचित संदेहों से परे आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा.

यह आरोप लगाते हुए कि कांडा के ‘प्रभाव’ ने उनकी मदद की, अंकित ने कहा, ‘ऐसा कैसे हो सकता है कि 1,800 पन्नों की चार्जशीट में कोई सबूत नहीं था? सभी आरोप हटा दिए गए- आईटी अधिनियम, जालसाजी, आत्महत्या के लिए उकसाना. ऐसे संदेश थे जिनमें दिखाया गया था कि कांडा ने मेरी बहन को परेशान किया था. अगर सबूतों की कोई कमी थी तो अदालत ने जांच के आदेश क्यों दिए?’

अंकित कहते हैं, ‘सबूतों की कोई कमी नहीं थी उन पर गौर नहीं किया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह राजनीतिक ताकत और समर्थन का इस्तेमाल करते हैं. यह बेहद चौंकाने वाला है.’

अंकित ने कहा कि आरोपपत्र में उत्पीड़न के सबूत थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया कि कुछ गवाहों को विदेश भेज दिया गया था.

उन्होंने दावा किया, ‘सीसीटीवी फुटेज, लैपटॉप जैसे सबूत थे जिन्हें नष्ट कर दिया गया. अदालत ने उनके नष्ट होने पर सवाल क्यों नहीं उठाया? क्या किसी जांच के आदेश दिए गए थे? ऐसे सबूत थे जिन पर विचार नहीं किया गया.’

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, तो उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसा करने का साधन नहीं है.

अंकित ने कहा, ‘हम एक मध्यवर्गीय परिवार हैं और हम वकील का खर्चा नहीं उठा सकते. मैं सरकार से इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का अनुरोध करता हूं. दिल्ली में ऐसा कोई वकील नहीं है जो कांडा के रसूख से प्रभावित न हो. अगर सरकार लड़ाई लड़े तो बेहतर होगा.’

अंकित ने निराश होकर कहा, ‘आप देखेंगे कि वह जल्द ही चुनाव लड़ेंगे और एक नेता के रूप में लौटेंगे. हमारे देश में यही स्थिति है.’