एक रिपोर्ट के अनुसार, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध 27,000 अस्पतालों में से केवल 18,783 सक्रिय हैं. इस योजना का लक्ष्य 12 करोड़ से अधिक ग़रीब और कमज़ोर परिवारों को सेकेंड और थर्ड केयर अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना है.
नई दिल्ली: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत सूचीबद्ध एक तिहाई से अधिक अस्पताल निष्क्रिय हैं. समाचार वेबसाइट लाइवमिंट ने आधिकारिक आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद ये जानकारी दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आंकड़ा प्रतिदिन अपडेट किया जाता है और वर्तमान में योजना के तहत 27,000 अस्पतालों में से केवल 18,783 सक्रिय हैं.
आयुष्मान भारत को ‘दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना’ कहा गया है.
इसका लक्ष्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को सेकेंड और थर्ड केयर अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है. योजना में लगभग 55 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं, जो भारतीय आबादी के निचले तबके का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं.
योजना में शामिल परिवार क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (एसईसीसी 2011) के अभाव और व्यावसायिक मानदंडों पर आधारित हैं.
मिंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 से – जब योजना शुरू की गई थी, 4,682 अस्पताल निष्क्रिय थे और उन अस्पतालों ने इस योजना के एक भी लाभार्थी को सेवा प्रदान नहीं की थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले छह महीनों में कम से कम 3,632 अस्पताल निष्क्रिय हो गए हैं.
विशेष रूप से यह बीमा योजना आयुष्मान भारत योजना का सिर्फ एक घटक थी. इसके तहत मौजूदा उप-केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बदलाव करके 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) बनाने का वादा किया गया था.
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