केंद्र सरकार ने 2018-19 से प्रचार पर तक़रीबन 3,100 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च किए

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि 2018-19 से प्रचार पर कुल 3,100.42 करोड़ रुपये ख़र्च हुए है. 2018-19 में प्रचार पर 1,179.17 करोड़ रुपये और 2019-20 में विभिन्न मीडिया माध्यमों पर 708.18 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए थे.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर. (फाइल फोटो: पीटीआई)

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि 2018-19 से प्रचार पर कुल 3,100.42 करोड़ रुपये ख़र्च हुए है. 2018-19 में प्रचार पर 1,179.17 करोड़ रुपये और 2019-20 में विभिन्न मीडिया माध्यमों पर 708.18 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए थे.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार (27 जुलाई) को राज्यसभा को बताया कि सरकार ने 2022-23 में केंद्रीय संचार ब्यूरो के माध्यम से अपनी योजनाओं के प्रचार पर 408.46 करोड़ रुपये खर्च किए.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक लिखित उत्तर में ठाकुर ने कहा कि सरकार ने 2018-19 में प्रचार पर 1,179.17 करोड़ रुपये और 2019-20 में विभिन्न मीडिया माध्यमों पर 708.18 करोड़ रुपये खर्च किए.

पिछला लोकसभा चुनाव 2019 में हुआ था.

उन्होंने कहा कि 2020-21 में प्रचार और जागरूकता पहल पर सरकार का खर्च 409.47 करोड़ रुपये था, इसके बाद 2021-22 में 315.98 करोड़ रुपये था.

ठाकुर ने कहा कि 2023-24 में प्रचार पर खर्च 13 जुलाई 2023 तक 43.16 करोड़ रुपये रहा है. इस प्रकार 2018-19 से प्रचार पर कुल 3,100.42 करोड़ रुपये खर्च हुए है.

मंत्री ने कहा कि एक स्वतंत्र तृतीय-पक्ष एजेंसी ने 722 जिलों को कवर करते हुए केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा निष्पादित मल्टीमीडिया अभियानों का अखिल भारतीय सर्वेक्षण/प्रभाव आकलन अध्ययन किया.

ठाकुर ने कहा, लक्षित सूचना प्रसार और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी संचार रणनीतियों की योजना बनाने में अध्ययन के निष्कर्ष बहुत उपयोगी रहे हैं.

मालूम हो कि दिसंबर 2022 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया था कि पिछले पांच साल के दौरान सरकार ने अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के विज्ञापन पर केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के जरिये 3,723.38 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

गौरतलब है कि साल 2020 में एक आरटीआई आवेदन जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बताया था कि केंद्र सरकार द्वारा 2019-20 के दौरान विज्ञापनों पर औसतन प्रति दिन 1.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

अखबार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, होर्डिंग इत्यादि के माध्यम से सरकार ने खुद के प्रचार के लिए 2019-20 में 713.20 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इसमें से 295.05 करोड़ रुपये प्रिंट, 317.05 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 101.10 करोड़ रुपये आउटडोर विज्ञापन में खर्च किए गए थे.

एक आरटीआई आवेदन पर मंत्रालय ने मई 2018 में बताया था कि मोदी सरकार ने जून 2014 से लेकर सरकारी विज्ञापनों पर 4,343.26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

द वायर  ने दिसंबर 2018 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह यूपीए के मुकाबले मोदी सरकार में विज्ञापन पर दोगुनी राशि खर्च की गई है.

लोकसभा में तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया था कि केंद्र सरकार ने साल 2014 से लेकर सात दिसंबर 2018 तक में सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में कुल 5245.73 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है. यह यूपीए सरकार के 10 साल में खर्च हुए कुल 5,040 करोड़ रुपये की राशि से भी ज्यादा थी.