राहुल गांधी ने कहा कि जब देश को चोट लगती है, किसी नागरिक को चोट लगती है तो आपके दिल को भी चोट लगती है, मगर भाजपा-आरएसएस के लोगों को कोई दुख नहीं, क्योंकि ये हिंदुस्तान को बांटने का काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर से कुछ लेना-देना नहीं है. वो जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है.
नई दिल्ली: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर गतिरोध जारी रहने के बीच पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवा पार्टी सत्ता के लिए देश को जलने देगी.
बीते बृहस्पतिवार को राहुल ने ट्विटर पर एक वीडियो में कहा, ‘भाजपा-आरएसएस सिर्फ सत्ता चाहती हैं और सत्ता पाने के लिए ये कुछ भी कर सकती है. सत्ता के लिए ये मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे. इनको देश के दुख और दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता.’
BJP-RSS सिर्फ सत्ता चाहती है और सत्ता पाने के लिए ये कुछ भी कर सकती है।
सत्ता के लिए ये मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे।
इनको देश के दुख और दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता।
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/7Cp7cWXsjX
— Congress (@INCIndia) July 27, 2023
उन्होंने कहा, ‘आरएसएस-भाजपा और कांग्रेस के बीच विचारधारा की लड़ाई चल रही है. जहां कांग्रेस की विचारधारा- संविधान की रक्षा, देश को जोड़ने और सामाजिक असमानता के खिलाफ लड़ने की है. वहीं आरएसएस-भाजपा चाहती हैं कि कुछ चुनिंदा लोग यह देश चलाएं और देश का सारा धन उन्हीं के हाथ में हो.’
RSS-BJP और कांग्रेस के बीच विचारधारा की लड़ाई चल रही है।
जहां कांग्रेस की विचारधारा- संविधान की रक्षा, देश को जोड़ने और सामाजिक असमानता के खिलाफ लड़ने की है।
वहीं RSS-BJP चाहती है कि कुछ चुनिंदा लोग यह देश चलाएं और देश का सारा धन उन्हीं के हाथ में हो।
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/NiehvGu1iU
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उन्होंने कहा, ‘आपके दिल में देशप्रेम है. जब देश को चोट लगती है, देश के किसी नागरिक को चोट लगती है तो आपके दिल को भी चोट लगती है. आप उदास हो जाते हैं. मगर भाजपा-आरएसएस के लोगों को कोई दुख नहीं, कोई दर्द नहीं हो रहा, क्योंकि ये हिंदुस्तान को बांटने का काम कर रहे हैं.’
कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मणिपुर के लिए क्या कर रहे हैं? वे मणिपुर के बारे में कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं? नरेंद्र मोदी को मणिपुर से कुछ लेना-देना नहीं है. वो जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है.’
नरेंद्र मोदी जी को मणिपुर से कोई लेना देना नहीं है।
वो जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है। pic.twitter.com/TdvTjeaaKQ
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच उस समय वाकयुद्ध छिड़ गया, जब प्रधानमंत्री ने बीते मंगलवार (25 जुलाई) को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन’ (इंडिया) को देश का अब तक का सबसे दिशाहीन गठबंधन करार दिया और इसकी निंदा की थी.
प्रधानमंत्री ने ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) जैसे निंदित नामों का हवाला देते हुए कहा था कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल करने देने भर से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल ने कहा था, ‘मोदी जी, आप जो चाहें हमें बुला लें. हम इंडिया (विपक्षी गठबंधन) हैं. हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे. हम उसके सभी लोगों के लिए प्यार और शांति वापस लाएंगे. हम मणिपुर में भारत की भावना का पुनर्निर्माण करेंगे.’
संसद का मानसून सत्र पिछले बृहस्पतिवार (20 जुलाई) को विपक्ष द्वारा मणिपुर पर विस्तृत चर्चा के लिए दबाव डालने के साथ शुरू हुआ. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि वह बहस के लिए तैयार है, लेकिन गतिरोध जारी रहा, क्योंकि विपक्ष ने राज्यसभा में इस बात पर जोर दिया कि मणिपुर पर चर्चा के लिए सभी कामकाज निलंबित कर दिए जाएं. विपक्ष ने यह भी मांग की थी कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर संसद को संबोधित करें.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वह सरकार का पक्ष रखने के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान की अपनी मांग से टस से मस नहीं हुआ है.