भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की हालिया बैठक पर निशाना साधते हुए शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि जब चुनाव क़रीब आते हैं तो भाजपा के लिए उसकी सरकार एनडीए सरकार होती है और चुनाव ख़त्म होने के बाद यह मोदी सरकार बन जाती है.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग (आईटी) और सीबीआई, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में केवल यह तीन मजबूत पार्टियां हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पार्टी के राज्यसभा सदस्य और इसके मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए एक साक्षात्कार में ठाकरे ने मणिपुर में जातीय संघर्ष को लेकर भी केंद्र की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करने के लिए भी तैयार नहीं हैं.
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की हालिया बैठक पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने दावा किया कि जब चुनाव करीब आते हैं तो भाजपा के लिए उसकी सरकार एनडीए सरकार होती है. चुनाव खत्म होने के बाद यह मोदी सरकार बन जाती है.
बता दें कि पिछले हफ्ते दिल्ली में एनडीए में शामिल 38 राजनीतिक दलों के नेता मिले थे.
उसी दिन बेंगलुरु में शिवसेना (यूबीटी) समेत 26 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी और सर्वसम्मति से उनके गठबंधन का नाम भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) रखने का प्रस्ताव स्वीकारा गया था.
गौरतलब है कि विपक्षी दल सत्तारूढ़ भाजपा पर विरोधियों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहे हैं.
ठाकरे ने साक्षात्कार में कहा, ‘एनडीए में 38 पार्टी हैं. एनडीए में ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स ही तीन मजबूत पार्टी हैं. बाकी पार्टी कहां हैं? कुछ दलों के पास एक भी सांसद नहीं है.’
इस साक्षात्कार का पहला भाग बुधवार (26 जुलाई) को ‘सामना‘’ में प्रकाशित हुआ था.
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर ठाकरे ने कहा कि भाजपा को पहले कश्मीर से कन्याकुमारी तक गोहत्या पर प्रतिबंध के लिए कानून लाना चाहिए.
ठाकरे ने कहा कि अगर कानून के सामने हर कोई समान है तो भाजपा में जो लोग भ्रष्ट हैं, उन्हें भी दंडित किया जाना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि ‘असली शिवसेना’ वहीं है, जहां ठाकरे परिवार है. ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों ने शिवसेना में फूट डाली, उन्होंने सोचा कि यह खत्म हो जाएगी, लेकिन यह फिर से उभर रही है.
उन्होंने कहा, ‘यह एक आशीर्वाद भी है, क्योंकि बगावत करने वाले कई दिग्गज लंबे समय से अपनी सीटों पर काबिज थे और अब उनकी जगह नए लोगों को मौका मिल सकता है.’
मालूम हो कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया और ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. शिंदे बाद में भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे.
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर ठाकरे ने कहा कि अगर राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर न्याय नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी के लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हैं.