जम्मू कश्मीर: होटल निर्माण में उल्लंघन की बात उठाने पर वरिष्ठ अधिकारी का तबादला

पहलगाम विकास प्राधिकरण के सीईओ ने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील पहलगाम क्षेत्र के बाहरी इलाके में बनाए जा रहे एक होटल द्वारा उसे मिली प्रशासनिक मंज़ूरी की शर्तों के उल्लंघन के बारे में अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर को बताया था. इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया.

पहलगाम के बाहरी इलाके के अथनादान गांव में निर्माणाधीन होटल. (सभी फोटो: जहांगीर अली)

पहलगाम विकास प्राधिकरण के सीईओ ने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील पहलगाम क्षेत्र के बाहरी इलाके में बनाए जा रहे एक होटल द्वारा उसे मिली प्रशासनिक मंज़ूरी की शर्तों के उल्लंघन के बारे में अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर को बताया था. इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया.

पहलगाम के बाहरी इलाके के अथनादान गांव में निर्माणाधीन होटल. (सभी फोटो: जहांगीर अली)

श्रीनगर: द वायर को मिली जानकारी के अनुसार, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम हेल्थ रिसॉर्ट के एक निर्माणाधीन होटल द्वारा कथित तौर पर उल्लंघन का मसला उठाने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को पद से हटा दिया है.

तीन कॉटेज और एक स्टाफ क्वार्टर वाला यह होटल पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील पहलगाम क्षेत्र के बाहरी इलाके के अथनादान गांव में बनाया जा रहा है.

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, होटल का निर्माण इस साल अप्रैल में शुरू हुआ था और अधिकारियों ने पाया कि बिल्डर, प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है.

पहलगाम विकास प्राधिकरण (पीडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को लिखे एक पत्र में उल्लंघन का जिक्र किया था और वहां ध्वस्तीकरण कार्रवाई की अनुमति मांगी थी.

पीडीए एक नोडल अथॉरिटी है जो हेल्थ रिसॉर्ट का प्रबंधन करती है और अनंतनाग डीसी की अध्यक्षता वाली पीडीए के बिल्डिंग ऑपरेशन कंट्रोलिंग अथॉरिटी (बीओसीए) द्वारा अनुमोदित होने के बाद नए निर्माणों की अनुमति भी देती है.

हालांकि, होटल व्यवसायी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अनंतनाग डीसी ने निर्माण की अनुमति की शर्तों में संशोधन किया और पीडीए, सीईओ को उनके पद से हटा दिया गया.

द वायर  ने जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता को एक सवाल भेजे हैं, जिसमें प्रशासन द्वारा की गई कथित अनियमितताओं और तत्कालीन पीडीए सीईओ के तबादले पर प्रतिक्रिया मांगी गई है. उनका जवाब आने पर रिपोर्ट में जोड़ा जाएगा.

बताया गया है कि होटल निर्माण की अनुमति बीते साल अक्टूबर में मिली थी और निर्माण कार्य इस साल अप्रैल में शुरू हुआ.

इसके बाद मुदासिर अहमद नाम के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने पीडीए, सीईओ को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि होटल मालिक ने अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया है. उनके पत्र में कहा गया है कि होटल मालिक ने पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में जिस मशीनरी की अनुमति नहीं थी, उसका इस्तेमाल किया था.

इसके साथ ही स्थानीय लोगों के एक समूह ने भी पीडीए को पत्र लिखकर राजस्व रिकॉर्ड के सत्यापन की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि होटल बाढ़ के पानी के चैनल पर बन रहा है, जिसका स्वामित्व सरकार के पास है, लेकिन देखरेख स्थानीय लोग करते हैं और यह किसी तरह की मालिकाना जमीन नहीं है.

कश्मीर डिविजनल कमिश्नर और जम्मू कश्मीर एंटी करप्शन ब्यूरो को भेजे गए पत्र में कहा गया था कि इस मामले की वास्तविकता जानने के लिए आधिकारिक जांच की जरूरत है.

निर्माणाधीन होटल पहलगाम में लिद्दर नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक से बमुश्किल 100 मीटर दूर है.

राजस्व रिकॉर्ड में कथित हेराफेरी की जांच की मांग करते हुए एक स्थानीय व्यक्ति गोपनीयता की शर्त पर कहते हैं, ‘यह जमीन पहलगाम के ऊंचे इलाकों में बादल फटने की घटनाओं के लिए एक जल निकासी नहर के रूप में काम करती है.’

हालांकि, प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी इस दावे को नकारते हैं. उनका कहना है कि होटल मालिकाना हक वाली जमीन पर ही बन रहा है.

द वायर  इन दावों की पुष्टि नहीं कर सका है.

सूत्रों के अनुसार, पीडीए की एक टीम ने मई में साइट का दौरा किया और पाया कि होटल बीओसीए द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर बनाया जा रहा था. दौरे के बाद तत्कालीन सीईओ सैयद सज्जाद कादरी ने अनंतनाग डीसी, सईद फखरुद्दीन हामिद को उल्लंघन के बारे में बताया था.

18 मई को पीडीए के असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने संपत्ति के मालिक को एक नोटिस में ‘तत्काल निर्माण कार्य बंद करने और दो दिनों के भीतर गड़बड़ को सुधारने’ की चेतावनी दी गई. नोटिस में यह भी कहा गया था कि ऐसा न करने पर पीडीए द्वारा ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा सकती है.

इसके अगले दिन 19 मई को पीडीए, सीईओ ने अनंतनाग डीसी फखरुद्दीन हामिद को पत्र लिखकर ‘होटल मालिक द्वारा अनुमति की तय शर्तों का अनुपालन न करने पर’ ध्वस्तीकरण की अनुमति मांगी  थी. यह पत्र डीसी द्वारा ‘आपातकालीन बैठक’ बुलाए जाने के बाद भेजा गया था.

द वायर को प्राप्त इस पत्र में बताया गया है कि केवल बीओसीए बिल्डिंग के प्लान में बदलाव करने में सक्षम है, बावजूद इसके उसके द्वारा मंजूर होटल के बिल्डिंग प्लान में अनंतनाग डीसी के मौखिक निर्देश पर बदलाव किए गए.

हालांकि, इस पर कार्रवाई करने के बजाय, प्रशासन, जो सीधे केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है, ने 20 मई को पीडीए, सीईओ का तबादला सामान्य प्रशासन विभाग में कर दिया और पीडीए, सीईओ का प्रभारअनंतनाग डीसी को सौंप दिया गया.

इस बारे में संपर्क करने पर अनंतनाग डीसी ने इस बात से इनकार किया कि प्रशासन ने होटल के निर्माण की अनुमति में कोई अनियमितता बरती. हालांकि, वे बीओसीए द्वारा दी गई मंजूरी में छह महीने के भीतर संशोधन किए जाने की वजह नहीं बता सके और द वायर को मौजूदा पीडीए, सीईओ तारिक हुसैन से बात करने को कहा.

होटल मालिक के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताने से इनकार करते हुए हुसैन ने कहा, ‘मैं इस मामले पर कुछ नहीं बोल सकता क्योंकि मैं उस समय पहलगाम में तैनात नहीं था.’

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने पहलगाम में निर्माण पर प्रतिबंध लगाया हुआ है औरअथनादान गांव में ‘रसूखदार’ होटल मालिक के लिए इमारत की अनुमति में ‘अवैध’ बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब, स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रशासन कथित तौर पर अदालत के इस फैसले का हवाला देते हुए उनके घरों में मामूली मरम्मत के लिए भी मंजूरी देने से इनकार कर रहा है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)