रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारी बिना किसी लैंगिक भेदभाव के विशेष बलों में शामिल होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने की पात्र हैं. उनके अनुसार, कुछ महिला अधिकारियों ने विशेष बलों के प्रशिक्षण के लिए स्वेच्छा से भाग लिया है लेकिन उनमें से कोई भी इसे पास नहीं कर सकीं.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार (28 जुलाई) को संसद में बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों में कोई भी महिला अभी तक इसके विशेष बलों में शामिल होने के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर पाई है, हालांकि उनमें से कुछ ने स्वेच्छा से इन इकाइयों में शामिल होने की इच्छा जताई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा को एक लिखित उत्तर में बताया, ‘भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारी बिना किसी लैंगिक भेदभाव के विशेष बलों में शामिल होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने की पात्र हैं, बशर्ते वे चयन गुणात्मक आवश्यकताओं (क्यूआर) को पूरा करती हों और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करती हों.’
भट्ट ने कहा कि भारतीय वायुसेना में अब तक कुल दो महिला अधिकारियों ने विशेष बलों के प्रशिक्षण के लिए स्वेच्छा से भाग लिया है और उन्हें भी इससे गुजरना था, लेकिन वे प्रशिक्षण पास नहीं कर सकीं.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय नौसेना में 20 महिला अग्निवीर (नाविक) विशेष बलों में शामिल होने के लिए योग्यता परीक्षा में शामिल हुई थीं, हालांकि उनमें से कोई भी इसे पास नहीं कर सकीं.’
सेना के पैरा-स्पेशल फोर्स, नौसेना के मरीन कमांडो और भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो इकाई को महीनों के कठिन अभ्यास से गुजरना पड़ता है और एक विशेष बल का सदस्य बनने के लिए अर्हता प्राप्त करने से पहले उन्हें शारीरिक और मानसिक फिटनेस के अत्यधिक उच्च मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता होती है.
संबंधित परीक्षाओं में एक बार पास होने के बाद वे उस विशेष कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षण से गुजरते हैं, जिसे करने के लिए एक विशेष बल को जिम्मेदारी दी जाती है. उदाहरण के लिए सेना के पास विशेष बल इकाइयां हैं – जिनमें से प्रत्येक रेगिस्तान, जंगल, पहाड़ और आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेषज्ञता रखती है.
तीनों सेनाओं के विशेष बल दुश्मन पर सर्जिकल स्ट्राइक, गुप्त घुसपैठ, आतंकवाद विरोधी अभियान और खुफिया जानकारी एकत्र करने और लेजर डेजिग्नेशन सहित अत्यधिक विशिष्ट सामरिक सैन्य कार्यों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षण लेते हैं.
महिलाएं सेना की पैराशूट इकाइयों में काम करती हैं, लेकिन विशेष बल इकाइयों में नहीं.
पिछले कुछ वर्षों में तीनों सेनाओं ने महिलाओं के लिए और हाल ही में अग्निवीरों के रूप में अपनी कई शाखाएं खोली हैं. तीनों सेनाओं में सबसे बड़ी होने के नाते सेना (Army) में महिला अधिकारियों की संख्या सबसे अधिक 1,705 है.