संसदीय समिति ने 7वीं आर्थिक जनगणना के नतीजे जारी करने में देरी पर सवाल उठाए

वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने 7वीं आर्थिक जनगणना के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों को जारी करने में देरी पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय पर सवाल उठाए हैं. समिति ने कहा है कि अब तक केवल 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अनंतिम परिणामों के लिए अपनी मंज़ूरी दी है.

(फोटो साभार: Алекс Арцибашев/Unsplash)

वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने 7वीं आर्थिक जनगणना के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों को जारी करने में देरी पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय पर सवाल उठाए हैं. समिति ने कहा है कि अब तक केवल 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अनंतिम परिणामों के लिए अपनी मंज़ूरी दी है.

(फोटो साभार: Алекс Арцибашев/Unsplash)

नई दिल्ली: वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने आर्थिक जनगणना के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों को जारी करने में देरी पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय पर सवाल उठाए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बृहस्पतिवार (27 जुलाई) को संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि अब तक केवल 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अनंतिम परिणामों के लिए अपनी मंजूरी दी है.

7वीं आर्थिक जनगणना 2019 में शुरू की गई और मार्च 2021 में पूरी हुई.

संसदीय समिति ने कहा है कि 7वीं आर्थिक जनगणना पर सांख्यिकी मंत्रालय की प्रतिक्रिया देरी के लिए ‘सक्रिय दृष्टिकोण प्रदान करने में अपर्याप्त है’.

रिपोर्ट में आगे कहा, ‘इसके अलावा प्रतिक्रिया इस बात पर प्रकाश डालती है कि 30 अप्रैल, 2023 तक केवल 13 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने 7वीं आर्थिक जनगणना के अनंतिम परिणामों पर अपनी मंजूरी दी है, जो राज्य-स्तरीय समन्वय समितियों से अनुमोदन प्राप्त करने में प्रगति की कमी का संकेत देता है. सरकार की प्रतिक्रिया यह भी स्पष्ट जानकारी नहीं देती है कि वह इन सिफारिशों को कैसे लागू करने की योजना बना रही है.’

समिति के अनुसार, मंत्रालय को आंकड़े जमा करने में तेजी लानी चाहिए, राज्यों के साथ घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए और राज्य-स्तरीय समन्वय समितियों द्वारा अनंतिम परिणामों की समय पर मंजूरी सुनिश्चित करनी चाहिए.

मंत्रालय ने संसदीय समिति को सूचित किया कि 7वीं आर्थिक जनगणना के लिए डेटा संग्रह और पर्यवेक्षण महामारी सहित कई परिचालन चुनौतियों के कारण प्रभावित हुआ था. 7वीं आर्थिक जनगणना के नतीजों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, क्योंकि विभिन्न राज्य-स्तरीय समन्वय समितियों से अनंतिम परिणामों की मंजूरी मिलनी बाकी है.

यह पहली बार नहीं है कि संसदीय समिति ने सातवीं आर्थिक जनगणना के नतीजे जारी करने में देरी पर सवाल उठाया है. इससे पहले मार्च में भी उसने मंत्रालय से इसके लिए सवाल किया था.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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