आप भक्त नहीं तो उत्पीड़न के लिए तैयार रहें: ख़ुद पर केस दर्ज होने के बाद असम कांग्रेस अध्यक्ष

असम के गोलाघाट के हुए तिहरे हत्याकांड को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ‘लव जिहाद’ का मामला बताया था. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कृष्ण और रुक्मिणी की शादी को इससे जोड़ दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ भाजयुमो ने कई एफ़आईआर दर्ज कराई है.

भूपेन बोरा. (फोटो साभार: फेसबुक)

असम के गोलाघाट के हुए तिहरे हत्याकांड को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने ‘लव जिहाद’ का मामला बताया था. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कृष्ण और रुक्मिणी की शादी को इससे जोड़ दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ भाजयुमो ने कई एफ़आईआर दर्ज कराई है.

भूपेन बोरा. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: भगवान कृष्ण और ‘लव जिहाद’ शब्द पर टिप्पणी के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा द्वारा असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराई गई हैं.

भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने भगवान कृष्ण की रुक्मिणी से शादी पर टिप्पणी करने के लिए गुवाहाटी में बोरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

असम ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, भूपेन बोरा गोलाघाट के तिहरे हत्याकांड पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसे उन्होंने ‘लव जिहाद’ का मामला बताया था.

इसके जवाब में भूपेन बोरा ने कहा था कि क्रॉस-मैरिज करना ‘कोई नई बात नहीं है’ और ‘इतिहास में कई उदाहरण हैं’. इस दौरान उन्होंने भगवान कृष्ण का रुक्मिणी के साथ विवाह को एक उदाहरण के रूप में दे दिया था.

रिपोर्ट के अनुसार, बीते 27 जुलाई को मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा था कि अगर भगवान कृष्ण के बारे में विवादास्पद बयान देने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है तो कांग्रेस नेता को गिरफ्तार किया जाएगा.

इस बीच, भाजयुमो की सिलचर इकाई और बजाली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने जिलों में बोरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बोरा ने बीते 28 जुलाई को भगवान कृष्ण पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी और दावा किया था कि उनके दादाजी ने उन्हें सपने में दर्शन दिए और कहा कि उनके शब्द गलत थे.

उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के डर से माफी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि इसलिए माफी मांग रहे हैं, क्योंकि उनकी टिप्पणियों को वैष्णव समुदाय ने अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया होगा.

असम ट्रिब्यून के मुताबिक, भूपेन बोरा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने मेरी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था. मुझे नामघरों (वैष्णव समुदाय जहां नियमित रूप से पूजा करते हैं) में जाना बंद करने का निर्देश दिया गया. मैं उनसे विनती करता हूं कि वे मुझे नामघरों में जाने से न रोकें. इसके बजाय पुलिस मुठभेड़ के दौरान मुझे गोली मार दो.’

बोरा ने द वायर को बताया कि पुलिस ने अभी तक उनसे संपर्क नहीं किया है, उन्होंने कहा कि ‘वास्तव में जुबान फिसल गई’ थी, जिसके लिए वह माफी मांगते हैं.

बोरा ने कहा, ‘इस देश में अगर आप भक्त हैं तो 100 खून माफ (आपको सौ अपराध की अनुमति है), लेकिन अगर आप नहीं हैं, तो व्यक्ति को हर तरह के उत्पीड़न के लिए तैयार रहना चाहिए.’

उन्होंने मेईतेई लीपुन नामक संगठन के प्रमुख प्रमोट सिंह की ओर इशारा करते हुए यह भी सवाल किया कि जो लोग नरसंहार की धमकी देते हैं, उन पर उसी सक्रियता के साथ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है. प्रमोट सिंह ने द वायर के साथ एक साक्षात्कार में खुले तौर पर कुकी समुदाय के प्रति अपनी नफरत व्यक्त की थी.

‘लव जिहाद’ शब्द का प्रयोग अक्सर भाजपा और उसके वैचारिक सहयोगियों द्वारा किया जाता है, जिसमें दावा किया जाता है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दे रहे हैं और शादी के लिए मजबूर कर रहे हैं. ऐसे दावों के लिए कोई अनुभवजन्य साक्ष्य नहीं मिला है.

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