जम्मू कश्मीर के भाजपा नेता मुहम्मद मकबूल वार का एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि बारामूला और सोपोर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार के आरोपों में भाजपा नेताओं को निशाना बना रहे थे. यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित है. उनके तबादले की मांग करते हुए उन्होंने कहा है कि उनके बदले उन्हीं अधिकारियों को तैनात किया जाए जो पार्टी नेताओं का सहयोग करें.
श्रीनगर: कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने दो जिला पुलिस प्रमुखों को इस आधार पर हटाने की मांग की है कि वे भ्रष्टाचार के आरोपों पर पार्टी नेताओं को निशाना बना रहे हैं और उनके साथ सहयोग नहीं कर रहे थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पत्र में भाजपा नेता मुहम्मद मकबूल वार ने दावा किया है कि बारामूला और सोपोर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) भ्रष्टाचार के आरोपों में भाजपा नेताओं को निशाना बना रहे थे. यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित है.
मकबूल 2019 के लोकसभा चुनावों में बारामूला क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे.
मकबूल के लेटरहेड के अनुसार, वह भाजपा की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य और पार्टी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य हैं. उनका यह भी दावा है कि वह उत्तरी कश्मीर में पार्टी के प्रभारी और बारामूला जिले के प्रभारी भी हैं.
पत्र में भाजपा नेता ने दावा किया है कि ये पुलिस अधिकारी पिछले एक महीने से भाजपा नेताओं को निशाना बना रहे थे और नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं और अन्य बड़ी मछलियों की जांच नहीं कर रहे थे. उनके अनुसार, उन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए था.
भाजपा नेता आगे लिखते हैं कि वे पार्टी के लाभ और बेहतरी के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, लेकिन ये अधिकारी पार्टी नेताओं के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे और उनके कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे.
उनके तबादले की मांग करते हुए उन्होंने मांग की है कि उनके बदले उन्हीं अधिकारियों को तैनात किया जाए जो पार्टी नेताओं का सहयोग करें.
उन्होंने उनकी जगह पर दो पुलिस अधिकारियों के नाम भी प्रस्तावित किए हैं.
जहां 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी अमोद अशोक नागपुरे एसएसपी बारामूला हैं, 2001 बैच के जम्मू और कश्मीर पुलिस सेवा (जेकेपीएस) के अधिकारी शब्बीर नवाब एसएसपी सोपोर हैं.
पुलिस द्वारा भाजपा से जुड़े विधायक आशिक गनी उर्फ आशिक एमएलए को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार करने के कुछ दिनों बाद भाजपा नेता मुहम्मद मकबूल वार ने इन अधिकारियों के तबादले की मांग की है.
पुलिस के मुताबिक, आशिक एमएलए और एक राजनीतिक दल से जुड़े दो अन्य लोगों ने एक व्यक्ति के भाई को हिरासत से छुड़ाने के लिए उनसे संपर्क किया और 5 लाख रुपये की मांग की थी.
पुलिस ने कहा कि उस व्यक्ति ने अपनी जमीन बेच दी और अपने भाई को छुड़ाने के लिए उन्हें 5 लाख रुपये दिए.
बारामूला पुलिस द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में लिखा है, ‘हालांकि, आरोपी व्यक्ति उनके भाई को हिरासत से रिहा नहीं करा सके, इसलिए शिकायतकर्ता ने आरोपी व्यक्तियों से अपने पैसे वापस मांगे. हालांकि आरोपी व्यक्तियों ने शिकायतकर्ता से अधिक पैसे की मांग की और चेतावनी दी कि अगर उन्होंने पैसे का भुगतान नहीं किया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और उनके भाई पर कई मामले दर्ज करवा दिए जाएंगे.’
आशिक एमएलए बारामूला शहर के नगर निगम पार्षद हैं.
इस महीने की शुरुआत में पुलिस ने एक और भाजपा नेता मुदासिर अहमद वानी को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था.
वानी और उनके साथी यासिर रशीद राथर ने पीएसए बंदी को रिहा कराने के लिए एक परिवार से 1 लाख रुपये की मांग की थी.
इस बीच जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा पीएसए बंदी की हिरासत को रद्द करने के बाद पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया. तब भाजपा नेता ने उनके परिवार को धमकी दी कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो वे उन्हें फिर से हिरासत में ले लेंगे.
बहरहाल भाजपा ने अपने नेता मुहम्मद मकबूल वार के इस पत्र से खुद को दूर कर लिया है और कहा है कि पार्टी का उनके द्वारा व्यक्त विचारों से कोई लेना-देना नहीं है.
अपने वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से मीडिया के साथ साझा किए गए एक बयान में भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि पत्र में उनके (मुहम्मद मकबूल वार) द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.
द वायर से बात करते हुए भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा नेता से बात की है.
कौल ने कहा, ‘उनके पास अपने बचाव में कहने के लिए कुछ नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पार्टी का उनके विचारों से कोई लेना-देना नहीं है.
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