राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने कहा कि कम अवधि की उच्च तीव्रता वाली बारिश की बढ़ती घटनाएं मुख्य रूप से शहरी बाढ़ के लिए ज़िम्मेदार हैं, जो अनियोजित विकास, प्राकृतिक जल निकायों के अतिक्रमण और ख़राब जल निकासी प्रणाली के कारण और भी बढ़ गई है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में 2012 से 2021 के बीच बाढ़ और भारी बारिश से 17,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने कहा कि कम अवधि की उच्च तीव्रता वाली बारिश की बढ़ती घटनाएं मुख्य रूप से शहरी बाढ़ के लिए जिम्मेदार हैं, जो अनियोजित विकास, प्राकृतिक जल निकायों के अतिक्रमण और खराब जल निकासी प्रणाली के कारण और भी बढ़ गई है.
टुडू द्वारा सदन में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2012 से 2021 तक बाढ़ और भारी बारिश के कारण भारत में 17,422 मौतें हुईं.
पूरे राज्य (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का राज्य-वार आंकड़ा केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा संकलित किया गया है. इसके अनुसार फसलों, घरों और सार्वजनिक उपयोगिताओं सहित कुल नुकसान 2,76,004.05 करोड़ रुपये का है.
टुडू ने एक लिखित जवाब में कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में शहरी बाढ़ से निपटने के लिए भूजल पुनर्भरण और अन्य प्रकृति-आधारित समाधानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गई है.
उन्होंने कहा, ‘भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण के लिए मास्टर प्लान-2020 जल आयोग द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें 185 अरब घन मीटर (बीसीएम) पानी का दोहन करने के लिए देश में लगभग 1.42 करोड़ वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की परिकल्पना की गई है.’