74 वर्षीय गायक गदर लंबे समय से अस्वस्थ थे. वे और उनका संगीत तेलंगाना में माओवादी आंदोलन के साथ-साथ 1960 के दशक के अंत से अलग राज्य के लिए हुए आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा था.
नई दिल्ली: प्रसिद्ध गायक, कार्यकर्ता और लेखक गुम्मादी विट्ठल राव, जिन्हें गदर के नाम से जाना जाता था, का रविवार को हैदराबाद में निधन हो गया. वे 74 वर्ष के थे.
रिपोर्ट के अनुसार, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, अमीरपेट ने एक बयान में कहा कि दोपहर 3 बजे ‘फेफड़े और मूत्र संबंधी समस्याओं’ के चलते उनका निधन हो गया. वह गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थे और 20 जुलाई, 2023 को भर्ती हुए थे. 3 अगस्त, 2023 को उनकी बाईपास सर्जरी हुई और वे इससे उबर गए. हालांकि, वह फेफड़े और मूत्र संबंधी समस्याओं के पुराने मरीज थे, जो समस्या बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती गई और उनके निधन का कारण बनी.’
द न्यूज़ मिनट के अनुसार, गदर और उनका संगीत तेलंगाना में माओवादी आंदोलन के साथ-साथ 1960 के दशक के अंत से अलग राज्य आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे. उनके गीतों में राज्य के शोषण और उत्पीड़ित समुदायों के हाशिए पर जाने का जिक्र होता था, जिसमें न्यायेतर हत्याओं और पुलिस यातना पर कई गीत शामिल हैं. उन्होंने तेलंगाना राज्य की मांग के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
Watch | How #Gaddar became a household name in the state during the #TelanganaMovement. pic.twitter.com/kU4bDP1I1P
— Deccan Chronicle (@DeccanChronicle) August 6, 2023
6 अप्रैल, 1997 को सिकंदराबाद के वेंकटपुरम में उनके घर पर अज्ञात बंदूकधारियों ने उनकी जान लेने का प्रयास किया था. उन्हें कई गोलियां लगी थीं, जिनमें से चार इलाज के दौरान निकाली गईं, लकिन एक नहीं निकाली जा सकी.
गदर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) की सांस्कृतिक शाखा, जन नाट्य मंडली के संस्थापक थे. द साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट बताती है, ‘उन्होंने गदर पार्टी, जिसने देश की आजादी के संघर्ष में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में शामिल थी, से प्रेरणा लेकर गदर नाम रखा था.’ उन्होंने कई नुक्कड़ नाटक भी लिखे और रैलियां भी आयोजित कीं.
2017 में गद्दार ने माओवादियों से नाता तोड़ लिया था. उन्होंने 2018 में अपने जीवन में पहली बार चुनाव में मतदान किया. द न्यूज मिनट के अनुसार, ‘2022 में गदर ने घोषणा की कि वह केए पॉल की प्रजा शांति पार्टी से मुनुगोड उपचुनाव लड़ेंगे. यह आश्चर्यजनक कदम था, खासकर कवि के कांग्रेस पार्टी के साथ संबंधों को देखते हुए. कई लोगों को यकीन था कि वह उनके साथ शामिल होंगे. गदर के बेटे जीवी सूर्य किरण 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए थे, उसी साल गद्दार ने पहली बार मतदान किया था.’
गदर ने दलितों को उनका हक न देने और इसके बजाय राज्य में ‘नया सामंतवाद’ लाने के लिए भारत राष्ट्र समिति और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की आलोचना की थी.
उनके निधन पर कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं साझा कीं.
Saddened to hear about the demise of Shri Gummadi Vittal Rao, Telangana’s iconic poet, balladeer and fiery activist.
His love for the people of Telangana drove him to fight tirelessly for the marginalised. May his legacy continue to inspire us all. pic.twitter.com/IlHcV6pObs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 6, 2023
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गदर के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होने की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘… तेलंगाना के लोगों के प्रति उनके प्यार ने उन्हें हाशिए के लोगों के लिए अथक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया. उनकी विरासत हम सभी को प्रेरणा देती रहेगी.’