घटना भदोही की है, जहां पुलिस ने सहाबुद्दीन अंसारी नाम के एक धागा कारोबारी को गिरफ़्तार करते हुए कहा कि वॉट्सऐप ग्रुप ‘नगर पालिका परिषद भदोही’ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित अपमानजक टिप्पणी की गई थी और एडमिन के तौर पर अंसारी ने टिप्पणी करने वाले के ख़िलाफ़ कोई क़दम नहीं उठाया.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की भदोही पुलिस ने रविवार को एक 35 वर्षीय व्यवसायी को उस वॉट्सऐप ग्रुप का एडमिन होने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पोस्ट की गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि एडमिन के तौर पर उन्होंने टिप्पणी पोस्ट करने वाले सदस्य के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया.
कोतवाली थाने के एसएचओ अजय कुमार सेठ ने बताया कि गिरफ्तार ग्रुप एडमिन की पहचान सहाबुद्दीन अंसारी के रूप में की गई है, जो भदोही में धागे का कारोबार करते हैं.
सेठ ने कहा, ‘वह इसे डिलीट करने और मुस्लिम अंसारी (टिप्पणी पोस्ट करने वाले सदस्य) को ग्रुप से हटाने के बजाय चुप रहे. हालांकि, ग्रुप के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई.’
पुलिस के मुताबिक, जिस वॉट्सऐप ग्रुप में टिप्पणी की गई उसका नाम ‘नगर पालिका परिषद भदोही’ है. इसका उपयोग लोग अपने क्षेत्रों की समस्याओं को साझा करने के लिए करते हैं और इसमें नगर पालिका कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों सहित 418 सदस्य हैं.
पुलिस अब टिप्पणी करने वाले मुस्लिम अंसारी की तलाश कर रही है. भदोही के रहने वाले अंसारी नेपाल में कारोबार चलाते हैं.
सेठ ने कहा, ‘हमने भदोही में अंसारी के घर पर छापेमारी की. पत्नी और बच्चों सहित उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह (अंसारी) नेपाल में हैं और पिछले तीन महीने से घर नहीं लौटे हैं. उसे गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.’
पुलिस के मुताबिक, एक मुखबिर ने 4 अगस्त को एक्स (पहले ट्विटर) के जरिये वॉट्सऐप ग्रुप की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का स्क्रीनशॉट पोस्ट कर शिकायत की थी. उन्होंने साइबर सेल की मदद से जांच शुरू की और शिकायत सही पाई गई. पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान उन्हें पता चला कि यह टिप्पणी अन्य वॉट्सऐप ग्रुप में भी शेयर की गई थी.
पुलिस ने गुरुवार को सहाबुद्दीन अंसारी और मुस्लिम अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 (मानहानि), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 505(2) (शत्रुता, नफरत या बुराई पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम भी लगाया गया है.