हवाई अड्डों का विकास किफ़ायत से हो, ताकि आम आदमी यात्रा का ख़र्च उठा सके: संसदीय समिति

एक संसदीय समिति ने कहा है कि एयरपोर्ट टर्मिनल को आरामदायक बनाने और परेशानी मुक्त यात्रा की सुविधा देने की ज़रूरत है, उनके अत्यधिक भव्य होने की नहीं.

प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई

एक संसदीय समिति ने कहा है कि एयरपोर्ट टर्मिनल को आरामदायक बनाने और परेशानी मुक्त यात्रा की सुविधा देने की ज़रूरत है, उनके अत्यधिक भव्य होने की नहीं.

प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: हवाई अड्डों की ‘गोल्ड प्लेटिंग’ अवधारणा के खिलाफ एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई अड्डों पर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किफायती या कम लागत का हो और और यात्रा की लागत आम आदमी की पहुंच के भीतर बनी रहे.

गोल्ड प्लेटिंग से तात्पर्य महंगी सुविधाओं या सुधारों को शामिल करने से है जो किसी परियोजना की लागत को बढ़ा देते हैं.

द हिंदू के मुताबिक, राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा है कि इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक आम यात्री है. समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों की तुलना में उपयोगकर्ता शुल्क (यूजर चार्जेस) किफायती और प्रतिस्पर्धी रहना चाहिए.

समिति ने राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में कहा, ‘भारत एक विकासशील देश है और यात्री दाम के प्रति सचेत हैं. सरकार द्वारा (किराया) वहन करने की क्षमता और स्थिरता पर जोर दिया गया है. समिति का मानना है कि अधिकतम लोग हवाई अड्डों का उपयोग केवल यात्रा के लिए करते हैं, सामान चेक-इन करते हैं, आगमन और प्रस्थान पर अपना सामान लेते हैं. अन्य बाकी बातों को उतना महत्व नहीं दिया जा सकता जितना कि यात्री सेवा को दिया जा सकता है.’

इसमें आगे कहा गया है, ‘यह सच है कि हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता समग्र परिवहन नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा और विदेशी धन के प्रवाह में सीधे योगदान देता है. हालांकि, समिति का विचार है कि एयरपोर्ट टर्मिनल को आरामदायक बनाने और सहज एवं परेशानी मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करने की जरूरत है, लेकिन उनके अत्यधिक भव्य होने की जरूरत नहीं है और निजी ऑपरेटरों द्वारा हवाई अड्डों की ‘गोल्ड प्लेटिंग’ अवधारणा से बचा जाना चाहिए.’

यह देखते हुए कि भारत एक ‘संसाधन की कमी वाला’ देश है, समिति ने सिफारिश की है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) द्वारा संचालित और निजी तौर पर संचालित हवाईअड्डों का आधुनिकीकरण तकनीक का इस्तेमाल करके किफायती तरीके से हो, ताकि परिचालन की लागत कम हो सके.

समिति ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइन ऑपरेटरों को भी किफायती सेवाएं प्रदान की जाएं और यात्रा की लागत आम आदमी की पहुंच के भीतर रहे.

समिति ने यह भी पाया कि यातायात में अभूतपूर्व वृद्धि के बावजूद अधिकांश भारतीय कंपनियां घाटे से जूझ रही हैं और इस संदर्भ में लंबे समय तक संचालन के लिए एयरलाइनों के लिए लागत प्रभावी संचालन और स्थिरता आवश्यक है.