क्रिसिल की एक रिपोर्ट बताती है कि जुलाई माह में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें क्रमश: 34 फीसदी और 13 फीसदी बढ़ीं. शाकाहारी थाली की कीमत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी में से 25 फीसदी बढ़ोतरी का कारण पूरी तरह से टमाटर के दाम रहे.
नई दिल्ली: क्रिसिल की एक रिपोर्ट ‘रोटी राइस रेट’ के मुताबिक, शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमत जुलाई में क्रमश: 34 फीसदी और 13 फीसदी बढ़ी हैं.
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली की कीमत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी में से 25 फीसदी बढ़ोतरी का कारण पूरी तरह से टमाटर की कीमत है, जिनमें जून के मुकाबले जुलाई में 233 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. जून में टमाटर 33 रुपये प्रति किलोग्राम थे, जो जुलाई में बढ़कर 110 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए.
खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, जिससे यह पेट्रोल (दिल्ली में 97 रुपये प्रति लीटर) से भी अधिक महंगा हो गया है.
क्रिसिल के अनुसार, शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है. मांसाहारी थाली में दाल की जगह चिकन होता है.
हालांकि, इसमें थाली की खुदरा कीमत को ध्यान में नहीं रखा गया है, जिसमें अतिरिक्त लागत, स्टाफ खर्च और लाभ मार्जिन शामिल होता है.
मासिक परिवर्तन आम आदमी के खर्च पर प्रभाव को दर्शाता है. डेटा से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने के लिए सामग्री (अनाज, दालें, चिकन, सब्जी, मसाले, खाद्य तेल, रसोई गैस) जिम्मेदार है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मिर्च और जीरा भी अधिक महंगे हो गए हैं, जुलाई में उनकी कीमतें क्रमशः 69 फीसदी और 16 फीसदी बढ़ गईं हैं.
हालांकि, थाली में इन सामग्री के कम मात्रा में इस्तेमाल को देखते हुए लागत में उनका योगदान सब्जियों की तुलना में कम रहता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मांसाहारी थाली की कीमत धीमी गति से बढ़ी क्योंकि चिकन की कीमत, जिसका थाली की लागत में 50 फीसदी से अधिक योगदान होता है, जुलाई में संभावित तौर पर 3-5 फीसदी कम हुईं.
जुलाई में शाकाहारी थाली की कीमत 33.7 रुपये और मांसाहारी थाली की कीमत 66.8 रुपये थी. वहीं जून में, शाकाहारी थाली के लिए 26.3 रुपये और मांसाहारी थाली के लिए 60 रुपये का भुगतान करना होता था.
पिछले महीनों में शाकाहारी थाली की कीमत लगभग 25 रुपये और मांसाहारी थाली की कीमत लगभग 59 रुपये थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि रेस्तरां मसालों और सब्जियों के लिए 50 फीसदी अधिक भुगतान कर रहे हैं.
अखबार ने एक रेस्तरां मालिक का हवाला देते हुए बताया कि एक मध्यम स्तर का रेस्तरां आमतौर पर सब्जियों पर प्रति माह लगभग 1.5-2 लाख रुपये खर्च करता है.
हालांकि, जुलाई में बढ़ती कीमतों के कारण ये लागत 2.5-3 लाख रुपये तक पहुंच गई.